धर्मशाला, 6 जुलाई स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 32 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कार्यालय से धर्मशाला में बस स्टैंड तक 3 किलोमीटर लंबे स्मार्ट रोड के चौड़े हिस्से अवैध पार्किंग स्थल में बदल गए हैं।
यातायात की समस्या और बढ़ेगी हमें उम्मीद थी कि स्मार्ट रोड से इलाके में यातायात आसान हो जाएगा। लेकिन, अब सड़क के चौड़े हिस्से पर ज़्यादा से ज़्यादा वाहन खड़े देखे जा सकते हैं। यह उल्टा है और इलाके में यातायात की समस्या को और बढ़ा रहा है। – आरएम शर्मा, धर्मशाला निवासी
‘पुलिस की जिम्मेदारी’ नाम न बताने की शर्त पर धर्मशाला नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि स्मार्ट रोड के चौड़े हिस्से में अवैध पार्किंग पर रोक लगाना पुलिस का कर्तव्य है।
परियोजना के तहत सड़क को चौड़ा करने के लिए कई स्थानों पर 100 वर्ष से अधिक पुराने पेड़ों को काटा गया। सड़क के किनारे एक नाली बनाई गई है, जिससे बिजली के तार, जो पहले ऊपर से गुजर रहे थे, अब जमीन के नीचे बिछा दिए गए हैं। सड़क के किनारे एक फुटपाथ भी बनाया गया है।
हालांकि, धर्मशाला के कई निवासियों के लिए यह निराशा की बात है कि सड़क के चौड़े हिस्से का उपयोग आमतौर पर अवैध रूप से वाहनों को पार्क करने के लिए किया जाता है।
इलाके के निवासी आरएम शर्मा ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि स्मार्ट रोड से इलाके में यातायात आसान हो जाएगा। हालांकि, अब सड़क के चौड़े हिस्से पर ज़्यादा से ज़्यादा वाहन खड़े देखे जा सकते हैं। यह उल्टा है और इलाके में यातायात की समस्या को और बढ़ा रहा है।”
एक अन्य निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि स्मार्ट रोड पर बस शेल्टर का भी अवैध रूप से पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यात्रियों के लिए बसों को रोकने के लिए कोई जगह नहीं बचती। उन्होंने बताया कि इससे यात्रियों को सड़क के बीच में बस में चढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इससे सड़क पर यातायात जाम की समस्या और बढ़ जाती है।
निवासियों का आरोप है कि कई स्थानों पर बस ले-बाय के पास लगे लोहे के नाले के ढक्कन गिर गए हैं। इसके कारण बसें ले-बाय क्षेत्र में पार्क नहीं हो पातीं, भले ही वहां कोई वाहन अवैध रूप से पार्क न हो।
नाम न बताने की शर्त पर धर्मशाला नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि सड़क के चौड़े हिस्से पर अवैध पार्किंग को रोकना पुलिस का कर्तव्य है।