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आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, अचार, पापड़ बनाकर कमा रही हैं हर महीने 15 से 20 हजार रुपये

Women are becoming self-reliant, earning 15 to 20 thousand rupees every month by making pickles and papads.

चम्बा, 10 नवंबर । हिमाचल के चंबा में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अचार, पापड़ व बड़ियां बनाकर हर महीने 15 से 20 हजार रुपये की कमाई कर रही हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत यहां पर आस्था स्वयं सहायता समूह से महिलाएं जुड़ रही हैं और फूड प्रोसेसिंग में प्रशिक्षण ले रही हैं। यहां महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदेश में लगने वाले मेलों व प्रदेश के बाहर बाजारों में बिक्री के लिए भेजा जाता है।

ग्राम पंचायत हरिपुर की निवासी रीता देवी ने बताया कि नौ मह‍िलाएं एक समूह बनाकर काम करती हैं। साल 2019 में हमें फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग दी गई थी। इस ट्रेनिंग के दौरान हमने विभिन्न प्रकार के आचार बनाना सीखा। 2019 में चंबा में प्रदर्शनी लगाई। जिसमें हमारे समूह द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। अब धीरे-धीरे हमारा काम बढ़ रहा है। दिल्ली चंडीगढ़ में हम अपने उत्पादों को पहुंचा रहे हैं। हमारे यहां 56 महिलाएं हैं। जो अलग-अलग एक्टिविटी के साथ जुड़ी हुई हैं। पशुपालन के काम से महिलाएं महीने में 15 से 20 हजार रुपये कमा रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं राजकीय बहुतकनीकी संस्थान चंबा (स्थित सरोल) में हिम ईरा कैंटीन का संचालन भी सफलतापूर्वक कर रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने हमें ऐसा प्लेटफॉर्म दिया है। जहां महिलाएं सशक्त हो रही हैं। हमें कई फंड भी मिले हैंं, इससे हम अपने कार्य को बड़े स्तर पर कर रहे हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी निशा ने बताया कि वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ साल 2022 से जुड़ी हैं। इस मिशन के साथ जुड़कर हम लोगों ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक टारगेट सेट किया है। ग्रामीण तबकों में जो महिलाएं किसी कारणवश पिछड़ गई हैं, शिक्षा नहीं ले पाई हैं, लेकिन उनमें कुछ करने का जज्बा है। उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत फंड भी उपलब्ध कराए जाते हैं।

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