मंत्रिमंडल ने आज बीपीएल श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के तहत लाभ को कुछ अन्य वर्गों तक बढ़ाने का निर्णय लिया, जिनमें महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया 50 प्रतिशत तक विकलांग हैं या जो दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित हैं, शामिल हैं।
यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। कैबिनेट ने बीपीएल सूची में शामिल उन परिवारों को शामिल करने को मंजूरी दी, जिनमें 18 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई वयस्क सदस्य नहीं है, जिन परिवारों की मुखिया महिला है, जिन परिवारों का मुखिया 50 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग है, जिन परिवारों ने पिछले वित्तीय वर्ष में एमजी-एनआरईजीए के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है और जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों या स्थायी विकलांगता के कारण होने वाली किसी अन्य स्थिति से पीड़ित हैं।
मंत्रिमंडल ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने तथा व्यापक, बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से राज्य में नशीली दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए एक विशेष कार्य बल की स्थापना को भी मंजूरी दी।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया। इस संशोधन से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के अंतर्गत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेनदेन पर राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से 12 प्रतिशत की एक समान स्टाम्प शुल्क दर लगाने में सक्षम हो जाएगा।
मंत्रिमंडल ने दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार बिक्री के लिए खैर के पेड़ों की कटाई तथा सफेदा, पोपलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने राज्य के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले आम आदमी की शिकायतों के निवारण के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी।
मंत्रिमण्डल ने बद्दी-बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण भूमि पूलिंग नीति-2025 को मंजूरी दी तथा वैट, सीएसटी और प्रवेश कर जैसे सम्मिलित अधिनियमों के तहत लम्बित मामलों, मुकदमों और बकाया राशि के निपटान के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना 2025 शुरू करने को मंजूरी दी।
पर्यावरण संरक्षण तथा हरित पट्टी में मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम करने के लिए मंत्रिमण्डल ने शिमला जिले में तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया।
बैठक में कांगड़ा जिले में पंचरुखी उप-तहसील को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने तथा शिमला जिले के धमवारी, चंबा जिले के साहो तथा कांगड़ा जिले के चचियां में आवश्यक पदों के सृजन व भरने सहित नई उप-तहसीलें खोलने का निर्णय लिया गया। बैठक में सिरमौर जिले में मौजूदा बीपीईओ शिलाई को विभाजित करके रोहनात में खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय (बीपीईओ) के सृजन को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमण्डल ने विकास खण्ड लम्बागांव के अन्तर्गत मटयाल, कुडाल तथा धड़ोल ग्राम पंचायतों को कांगड़ा के बैजनाथ खण्ड में स्थानान्तरित करने को स्वीकृति प्रदान की। इसके अतिरिक्त शिमला जिला के भौलार में रैथल जातर मेला को जिला स्तरीय मेले का दर्जा प्रदान किया गया।
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