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बंगाल के नादिया जिले में महिलाओं ने बनाई मक्के की भूसी से पर्यावरण-अनुकूल राखियां

Women in Bengal's Nadia district make eco-friendly rakhis from maize husks

नदिया, 18 अगस्त । पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में रक्षाबंधन के त्योहार पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने सहकारी समितियों के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल मक्के की भूसी से राखियां बनाई।

नादिया के चंदननगर में यह सहकारी समिति हर साल पर्यावरण-अनुकूल राखियां बनाती है। इन राखियों पहले से ही काफी डिमांड है।

इस बार भी रक्षाबंधन के त्यौहार पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मक्के की भूसी से राखी बनाकर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने का काम किया है। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में विशेष भूमिका निभाई है।

वर्तमान में इस राखी की बिक्री की मांग भी बढ़ गयी है। पहले इस समाज की महिलाएं कचूरीपनार राखी, जूट राखी बनाती थी। लेकिन इस बार उन्होंने थोड़ा और इनोवेटिव सोचते हुए मक्के की भूसी से इको-फ्रेंडली राखी बनाई है।

महिलाएं ऐसा करके काफी खुश हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वे आत्मनिर्भर भी बन सकती हैं। ताकि आम लोग भी इस इको-फ्रेंडली राखी को खरीद सकें, इसके लिए राखी की कीमत ज्यादा नहीं है। राखी 10 से 30 रुपए तक की कीमतों के साथ बेची जा रही है। जो किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण संबंधी चिंताओं को भी दूर करता है।

रक्षाबंधन का त्यौहार 19 अगस्त, सोमवार को पूरे देश में मनाया जाएगा। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी कामयाबी की प्रार्थना करती हैं।

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