May 5, 2025
Uttar Pradesh

योगी सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में निर्णायक कदम, ‘शिक्षक बनेंगे श्रेष्ठ मार्गदर्शक, छात्र बनेंगे समर्थ’

Yogi government’s decisive step in the field of education, ‘Teachers will become the best guides, students will become capable’

लखनऊ,5 मई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ‘समर्थ शिक्षक, समृद्ध छात्र’ के विजन को मूर्त रूप देने के लिए निपुण भारत मिशन के अंतर्गत सीमैट, प्रयागराज में एक महत्वाकांक्षी पांच दिवसीय संदर्भदाता प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ करने का निर्णय लिया है।

यह कदम प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता और नवाचार को स्थानीय स्तर पर सशक्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जहां शिक्षक श्रेष्ठ मार्गदर्शक बनकर छात्रों के सशक्त विकास को सुनिश्चित करेंगे।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों को तकनीकी दक्षता, नवप्रवर्तनात्मक दृष्टिकोण और स्थानीय समस्या-समाधान कौशल से लैस करेगा। इस प्रशिक्षण से शिक्षक समर्थ होंगे और छात्र समृद्ध। योगी सरकार का यही संकल्प है। इस संकल्प को प्रदेश भर में साकार करने का प्रयास है।

20 वरिष्ठ राज्य स्तरीय रिसोर्स ने 25 से 29 अप्रैल के दौरान सीमैट में सामंजस्य स्थापित करते हुए प्रशिक्षण संरचना और अपेक्षित परिणामों पर व्यापक प्रैक्टिस सत्र संपन्न किया।

सत्र 1 से 5 मई, 7 से 11 मई तथा 13 से 17 मई के तीन अलग-अलग फेज में आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक में 100-100 जनपद स्तरीय संदर्भदाता एनसीईआरटी आधारित पाठ्यपुस्तक अवलोकन, गतिविधि-आधारित शिक्षण तकनीक और समुचित मूल्यांकन पद्धतियों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

ईएलटीआई प्रयागराज एवं एसआईई प्रयागराज के विशेषज्ञ हिंदी और अंग्रेजी दोनों विषयों में व्यावहारिक कार्यशालाएं संचालित करेंगे, जबकि अन्य संस्थानों के मेंटर्स गतिविधि-आधारित कक्षा संचालन, मूल्यांकन तकनीक और कक्षा प्रबंधन के मॉडल प्रस्तुत करेंगे।

ब्लॉक एवं जिला स्तर पर कार्यशालाएं एवं फॉलो-अप सत्र आयोजित करेंगे। प्रशिक्षित संदर्भदाता अपने-अपने ब्लॉक एवं जिला स्तर पर कार्यशालाएं एवं फॉलो-अप सत्र आयोजित करके उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक एवं संयुक्त विद्यालयों में मौलिक साक्षरता और गणितीय कौशल के स्तर को सुदृढ़ करेंगे।

इस वर्ष लगभग 25 लाख प्री-प्राइमरी एवं प्राथमिक शिक्षक निष्ठा एवं अन्य क्षमता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अतिरिक्त प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिससे प्रदेश में सतत शिक्षा उन्नयन और शिक्षक कौशल संवर्धन सुनिश्चित होगा।

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