April 18, 2025
Uttar Pradesh

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर ‘जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम’ : सीएम योगी

‘Zero Poverty Program’ in the name of Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar: CM Yogi

लखनऊ, 18 अप्रैल । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में ‘जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर होगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम इसी महीने आगे बढ़ाने जा रहे हैं। हर गरीब-वंचित को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए पीएम मोदी की प्रेरणा से सरकार ने ‘जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम’ को अपने हाथ में लिया है। ‘जीरो पॉवर्टी’ का मतलब कोई गरीब-वंचित न रह पाए, वह सभी प्रकार की सुविधाओं से युक्त हो। पिछले 8 वर्षों में मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, बुक्सा, चेरो, गोड़, सहरिया को पूरी तरह से सेचुरेट करने का कार्य किया गया। हर जरूरतमंद को सुविधाओं का लाभ दिलाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर अंबेडकर महासभा की तरफ से सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में अपनी बातें रखीं। उन्होंने स्मारिका का भी विमोचन किया।

सीएम योगी ने कहा कि पहले चरण में 14-15 लाख परिवारों को जोड़ेंगे। हर ग्राम पंचायत में 20-25 ऐसे परिवार होंगे, जिन्हें बहुत सारी सुविधाएं नहीं मिली होंगी। डबल इंजन सरकार उन्हें वह सुविधा उपलब्ध कराएगी। यह योजना इसलिए बाबा साहेब के नाम पर जानी जाएगी, क्योंकि देश में शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से समुन्नत करने का दर्शन उन्होंने ही दिया था। यूपी देश का पहला राज्य होगा, जो ‘जीरो पॉवर्टी’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा कि 1891 में मध्य प्रदेश के महू में उनका जन्म हुआ। विलक्षण बुद्धि और कुछ करने की तमन्ना के भाव के कारण उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड की तरफ प्रस्थान का निश्चय किया। महाराजा वडोदरा ने छात्रवृत्ति दी, जिस पर वे वहां गए और दुनिया की उच्चतम शिक्षा की डिग्री हासिल कर वापस भारत आए। उनका एक ही संकल्प था कि कोटि-कोटि वंचितों-दलितों को उनका अधिकार दिलाना है। न सिर्फ देश, बल्कि नागरिकों की आजादी के लिए भी कार्य करना है। बाबा साहेब देश की आजादी के आंदोलन में कूद पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ। उन्हें पहली संगठित सरकार के न्याय मंत्री और संविधान समिति के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। भारत का संविधान आज भी प्रत्येक नागरिक को जोड़ने का सामर्थ्य रखता है। जो लोग भारत की एकता के पक्षधर नहीं थे, वे हंसते थे कि भारत स्वतंत्र तो हो रहा है पर एकजुट नहीं रह पाएगा। उनकी मंशा धरी की धरी रह गई। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक 140 करोड़ लोग एकता के सूत्र में बंधे हैं। संविधान के कारण भारत ने सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में आज भी अपनी धाक जमाई है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के सपने को साकार करने का प्रयास पहली बार अटल जी ने प्रारंभ किया, उसे नई गति दी पीएम मोदी ने। शैक्षणिक हो या आर्थिक, हर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। पीएम मोदी ने इसे आगे बढ़ाया। दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसने कोरोना में भी हर नागरिक को उसका अधिकार दिलाया। यूपी ने अब तक एक करोड़ गरीब-दलित परिवारों को पीएम स्वामित्व योजना के तहत घरौनी उपलब्ध करा दी है। उसे कोई उजाड़ नहीं सकता है। अब तक 56 लाख गरीबों का आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

मुख्यमंत्री ने सीएम युवा उद्यमी अभियान की चर्चा करते हुए बताया कि यह योजना युवाओं, खासतौर पर एससी-एसटी और अतिपिछड़ी जाति से जुड़े युवाओं के लिए लाई गई है। अब तक 30 हजार से अधिक युवाओं को बैंकों से ब्याज और गारंटी मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। आने वाले समय में हम प्रतिवर्ष एक लाख युवाओं को इस सुविधा से जोड़ने वाले हैं। जो भी कारोबार करना चाहता है, वह प्रशिक्षण लेकर कार्यक्रम से जुड़ सकता है।

मुख्यमंत्री ने बाबा साहेब और जोगेंद्र नाथ मंडल का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास की घटनाएं सबक होती हैं। बाबा साहेब को बहुत सारे लोगों ने लालच दिया, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। बाबा साहेब ने ‘आदि से अंत तक भारतीय हूं’ संकल्प का उद्घोष किया। उन्होंने अपमान सहा, लेकिन भारत को अपमानित नहीं होने दिया। इस महानता के कारण स्वतंत्र भारत उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता है। देश में बाबा साहेब की पूजा हो रही है, लेकिन जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में कोई नहीं जानता। इतिहास गलतियां माफ नहीं करती है। समाज-देश को कमजोर करने वाला कार्य कभी नहीं होना चाहिए। हमारा अस्तित्व तभी है, जब देश है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश हमारे लिए सबक हैं। पीएम मोदी ने दलितों-वंचितों को सम्मान दिलाया। बाबा साहेब के पंचतीर्थ हों या बांग्लादेश-पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पीड़ित-प्रताड़ित मानवता, उन्हें भारत में शरण दिया। वहीं कुछ लोगों ने आंदोलन के जरिए व्यवस्था बिगाड़ने का कार्य किया। कांग्रेस-सपा ने बाबा साहेब के जीते जी उनका अपमान किया और कोशिश की कि न रहने के बाद भी उनके मूल्य-आदर्श स्थापित न हों। कांग्रेस ने दिल्ली में उनका स्मारक नहीं बनने दिया। सपा कहती थी कि बाबा साहेब का स्मारक बनेगा तो तोड़ेंगे, लेकिन आज बाबा साहेब को सम्मान मिल रहा है, उनके मूल्यों-आदर्शों के प्रति पूरा भारत सम्मान और कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है।

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