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फरीदाबाद जिले में 65 फीसदी शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर, शैक्षणिक कार्य प्रभावित

65 percent teachers on election duty in Faridabad district, educational work affected

फरीदाबाद, 11 जुलाई फरीदाबाद जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के 65 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों को चुनाव संबंधी ड्यूटी में लगाया गया है। आरोप है कि इससे अधिकांश विद्यालयों में शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

शिक्षा विभाग के सूत्रों का दावा है कि मॉडल संस्कृति स्कूलों सहित सरकारी स्कूलों के कई शिक्षकों को आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) का काम सौंपा गया है, जिससे शैक्षणिक कार्यक्रम प्रभावित हुआ है, क्योंकि अधिकांश शिक्षक कक्षा शिक्षण के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

आरोप है कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के 65 प्रतिशत से अधिक शिक्षण कर्मचारियों को गैर-शैक्षणिक कार्य सौंपे गए हैं। जिले में करीब 235 प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें 50,000 छात्र हैं।

नाम न बताने की शर्त पर एक शिक्षक ने कहा, “शिक्षकों को गैर-शिक्षण कार्यों में लगाना चिंता का विषय है, क्योंकि इससे न केवल शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न होती है, बल्कि शिक्षण स्टाफ को अपने क्षेत्र से इतर कार्यों में अपना समय और ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है।”

उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या में भी कमी आई है, क्योंकि अभिभावक ऐसी समस्याओं के कारण निजी स्कूलों को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक समय पर पाठ्यक्रम पूरा करने और संशोधन कार्य करने में असमर्थ हैं। दावा किया गया है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के कारण इस साल दो महीने से अधिक का शिक्षण कार्य पहले ही खत्म हो चुका है।

हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई के अध्यक्ष चतर सिंह कहते हैं, ”शिक्षकों को बीएलओ का काम सौंपे जाने से वे शैक्षणिक सत्र के अधिकांश समय में शिक्षण कार्य के लिए समय नहीं दे पाते हैं।” उन्होंने कहा कि अगर सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है तो शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाना चाहिए।

शिक्षक संघ के सदस्य रघु वत्स कहते हैं, “गैर-शैक्षणिक कार्य, जिसमें क्षेत्र भ्रमण और घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना शामिल है, समय पर शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूरा करने में बाधा बन रहे हैं।” उन्होंने कहा कि स्कूल पहले से ही शिक्षण कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन कक्षा में पढ़ाई का नुकसान एक बड़ी चिंता का विषय है।

डीईओ अशोक कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की नीति के तहत शिक्षकों को चुनाव संबंधी कार्य सौंपा गया है।

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