चंडीगढ़, 3 जनवरी
सरकार का अपने स्कूलों में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य एक दूर के सपने जैसा लगता है। छात्रों के एक बेसलाइन सर्वेक्षण ने पंजाबी, अंग्रेजी और गणित में छात्रों के सीखने के स्तर पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
लगभग 11,000 बच्चों का मूल्यांकन किया गया। आधारभूत मूल्यांकन के तहत, निर्देश से पहले किसी विषय पर छात्र के ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है।
प्राथमिक (कक्षा III से V) के छात्रों के आधारभूत मूल्यांकन के अनुसार, केवल 39 प्रतिशत बच्चे पंजाबी भाषा में कहानी पढ़ सकते हैं। इसके अलावा, 4 प्रतिशत अक्षर भी नहीं पहचान सकते; 15 प्रतिशत लोग अक्षरों के अलावा कुछ भी नहीं पहचान पाते; 22 प्रतिशत सिर्फ शब्दों को पहचान सकते हैं और 20 प्रतिशत पैराग्राफ पढ़ सकते हैं।
इसी तरह गणित में सिर्फ 37 प्रतिशत ही भाग और घटाव करना जानते हैं। सबसे परेशान करने वाला तथ्य यह है कि 2 प्रतिशत बच्चे संख्याएँ भी नहीं पहचान पाते, 8 प्रतिशत बच्चे केवल 9 तक की संख्याएँ पहचान पाते हैं और 16 प्रतिशत को 11 से 99 के बीच की संख्याओं को पहचानने के अलावा गणित का कोई ज्ञान नहीं है।
जब अंग्रेजी भाषा कौशल की बात आती है, तो केवल 20 प्रतिशत छात्र ही ऐसे होते हैं जो कहानी पढ़ सकते हैं। तीन प्रतिशत अक्षर भी नहीं पहचान पाते; 6 प्रतिशत बड़े अक्षर और 23 प्रतिशत छोटे अक्षर पहचान सकते हैं। 30 प्रतिशत छात्रों का स्तर यह है कि वे सिर्फ शब्द पढ़ सकते हैं और 17 प्रतिशत वाक्य पढ़ सकते हैं।
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