February 1, 2025
National

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका पर होगी सुनवाई

Supreme Court’s decision, Bengal government’s petition against CBI investigation will be heard

नई दिल्ली, 10 जुलाई । सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को माना कि चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार की दायर याचिका सुनवाई योग्य है। सीबीआई ने राज्य सरकार की अनुमति के बिना एफआईआर दर्ज कर जांच की थी। ये फैसला बंगाल की ममता सरकार के लिए बड़ी राहत है।

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत राज्य सरकार द्वारा दायर मुकदमे पर सवाल उठाने वाली केंद्र सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम कानून के अनुसार उसके गुण-दोष के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

बंगाल सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना ही सीबीआई मामलों की जांच कर रही है।

कोर्ट ने कहा, “हम कानूनी मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या आम सहमति वापस लेने के बावजूद सीबीआई पश्चिम बंगाल में केस दर्ज कर सकती है?”

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस दलील को खारिज किया कि उसे धारा 131 के मुकदमे में प्रतिवादी नहीं बनाया जा सकता क्योंकि सीबीआई सीधे केंद्र के अधीन नहीं है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन है। डीएसपीई अधिनियम की धारा 4(2) के अनुसार यह केंद्र के डीओपीटी विभाग के अधीन है।

इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा, “जब संसद में सीबीआई पर सवाल पूछा जाता है तो डीओपीटी (केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ) के प्रभारी केंद्र सरकार के मंत्री ही सवाल का जवाब देते हैं, सीबीआई नहीं”।

मई में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में कई एफआईआर दर्ज की हैं। शीर्ष अदालत ने सितंबर 2021 में इस मामले में नोटिस जारी किया था।

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