करीब 3 दिन पहले कथित तौर पर गौरक्षकों द्वारा की गई गोलीबारी में 20 वर्षीय युवक की मौत, पीड़ित की पहचान को लेकर भ्रम के कारण हुई थी, यह बात प्रकाश में आई है।
पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक गौरक्षक समूह का सदस्य बताया जा रहा है। चारों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि पहचान संबंधी भ्रम के चलते और पीड़ित द्वारा चेकिंग के लिए रुकने के बजाय भागने की कोशिश करने के बाद उन्होंने गलत व्यक्ति की हत्या कर दी।
यह जांच इस अफवाह के बाद की जा रही थी कि कुछ गौ तस्कर 23 अगस्त की रात को एनआईटी क्षेत्र से गायों को उठाने की कोशिश कर रहे थे।
यहां एनआईटी निवासी आर्यन मिश्रा की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब कार में सवार होकर उसका पीछा कर रहे कुछ युवकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर उस पर गोलियां चला दीं।
आर्यन अपने कुछ दोस्तों के साथ, जिनमें दो महिलाएँ भी शामिल थीं, रात करीब 11.30 बजे मॉल में पार्टी के बाद घर लौट रहे थे, तभी पटेल चौक के पास कथित तौर पर गौरक्षकों ने उन्हें रोक लिया। आरोप है कि आर्यन और उसके दोस्तों ने यह सोचकर कार नहीं रोकी कि उन्हें एक युवक रोक रहा है जो उनका पड़ोसी था और जिसके साथ पीड़िता का विवाद चल रहा था।
दूसरी ओर, गौरक्षकों ने पीड़ित और उसके दोस्तों को गौ तस्कर समझकर उनकी गाड़ी रोकने को कहा। बताया जा रहा है कि अवैध हथियारों से लैस आरोपियों ने करीब 15 मिनट तक उनका पीछा किया और फिर गोलियां चला दीं, जिससे आर्यन की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि आरोपियों को तब एहसास हुआ कि उन्होंने गलत व्यक्ति की हत्या कर दी है, जब उन्होंने कार में दो महिलाओं को देखा और उन्हें कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
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