N1Live Punjab पंजाब में बाढ़ को लेकर आप और कांग्रेस में फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
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पंजाब में बाढ़ को लेकर आप और कांग्रेस में फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

AAP and Congress again engage in blame game over Punjab floods

सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को विशेष विधानसभा सत्र के दौरान एक बार फिर एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला, जिसमें मुख्य विपक्ष ने सरकार को बांधों के “कुप्रबंधन” के लिए केंद्र नियंत्रित भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की चुनौती दी।

हालांकि भाजपा के दोनों विधायक अनुपस्थित थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू राज्यपाल गैलरी में बैठे नजर आए और अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान को हाथों के इशारों से आक्रामक संदेश देते नजर आए।

आप और कांग्रेस सदस्यों के बीच यह तीखी बहस ऐसे समय हुई जब रविवार को सत्तारूढ़ पार्टी ने बाढ़ राहत के मुद्दे पर विपक्ष से समर्थन मांगा था।

इस मांग पर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए केंद्र को घेरने के लिए उनका समर्थन चाहती है।

सोमवार को विपक्ष के तीखे हमले के बीच, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बाजवा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर “रेत खनन के इरादे से” ब्यास नदी के किनारे ज़मीन खरीदने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाजवा ने इसके बाद राज्य सरकार पर नदी के किनारे तटबंध को मज़बूत करने के लिए सरकारी धन खर्च करने का दबाव डाला।

बाजवा ने आरोप को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उन्होंने जमीन कानूनी तौर पर खरीदी थी और राज्य सरकार को आवश्यक स्टाम्प शुल्क का भुगतान किया था।

बाढ़ की तैयारियों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए बाजवा ने जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल के इस बयान को खारिज कर दिया कि बाढ़ से निपटने की सभी तैयारियां 14 जुलाई तक पूरी कर ली गई थीं, जबकि नदी के पानी से जमीन के बड़े हिस्से जलमग्न होने से एक महीने पहले ही बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

बाजवा ने दावा किया कि तथ्य इसके विपरीत साबित होते हैं।

उन्होंने बताया कि 22 जुलाई को विभाग के मुख्य अभियंता (सतर्कता) ने मुख्य अभियंता (जल निकासी) को पत्र लिखकर बाढ़ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। बाजवा ने बताया कि कई जिलों के कार्यकारी अभियंताओं ने स्वयं स्वीकार किया है कि आनंदपुर साहिब, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, पठानकोट और फिरोजपुर सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण या जल निकासी मरम्मत का कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हिमाचल प्रदेश बीबीएमबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकता है तो पंजाब क्यों नहीं।’’ उन्होंने सभी पार्टी विधायकों को दिल्ली में भाजपा के खिलाफ धरना देने का सुझाव दिया।

पंजाब के मंत्री और आप के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इस आपदा के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस और शिअद-भाजपा सरकारों के साथ-साथ भाजपा नीत केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया तथा अतीत में हुई विनाशकारी नीतिगत विफलताओं का उल्लेख किया।

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