सोलन में आज आयोजित जिला परिषद (जेडपी) की इस वर्ष की पहली त्रैमासिक बैठक में 17 में से छह सदस्य अनुपस्थित रहे।
इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं, ऐसे में विकास कार्यों के लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की गई तथा आय-व्यय की विस्तृत समीक्षा भी की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने की।
सोलन के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि जिला प्रशासन निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर जन समस्याओं का समाधान करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
सलोगरा वार्ड के जिला परिषद सदस्य मनोज वर्मा ने बैठक के महत्व पर सवाल उठाया, जब अधिकारी चार साल पहले 2021 में सूचीबद्ध एजेंडा मदों का समाधान खोजने में विफल रहे। “ढीले रवैये” से तंग आकर, छह सदस्यों ने बैठक से दूरी बना ली। हालाँकि बैठक में चर्चा के लिए लगभग 40 नए एजेंडा आइटम प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन शुरुआत में सदस्यों द्वारा केवल छह नए आइटम प्रस्तावित किए जा सके और बाद में कुछ सदस्यों के आग्रह पर तीन जोड़े गए। 51 पुराने आइटम, जिनमें से कुछ 2021 के हैं, किसी भी समाधान के अभाव में बैठक में बने रहे, जो इनके समाधान के लिए अधिकारियों के “मंदी भरे दृष्टिकोण” को उजागर करता है।
बैठक में एचआरटीसी की बसें चलाने को लेकर हंगामा हुआ, जहां एचआरटीसी के प्रतिनिधि और आरटीओ भी आमने-सामने आ गए।
जिला परिषद सलोगड़ा वार्ड के सदस्य मनोज वर्मा ने सोलन धारजा वाया जौंजी मार्ग पर केबागर और अंबर कोठी में सड़क की खराब होती स्थिति का मुद्दा उठाया। सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग ने जवाब दिया कि इस भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन मनोज वर्मा ने इसका विरोध किया और कहा कि औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई हैं और कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है, जो संवादहीनता को दर्शाता है।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि खंड विकास कार्यालय और जिला पंचायत कार्यालय के बीच समन्वय का अभाव है, जिससे इस निकाय का सुचारू संचालन बाधित हो रहा है।
बैठक में अनुपस्थित रहने वाले पांच विभागाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिला परिषद अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने कहा कि बैठक में अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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