January 16, 2025
Haryana

शिकायतों के बाद रेवाड़ी गांव के तालाब का जीर्णोद्धार होगा

After complaints the pond of Rewari village will be renovated

रेवाड़ी, 23 अगस्त रेवाड़ी जिले के खरकड़ा गांव के मुख्य तालाब में घरों से निकलने वाला गंदा पानी जमा होने की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने 1.12 करोड़ रुपये की लागत से तालाब का जीर्णोद्धार करने की योजना बनाई है। विकास एवं पंचायत विभाग ने इस संबंध में टेंडर जारी कर दिया है।

एनजीटी में सुनवाई जारी खरकड़ा गांव के प्रकाश यादव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में शिकायत दर्ज कराई थी कि घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों से बहकर गांव के तालाब में जमा हो जाता है। उन्होंने कहा, “इससे न केवल तालाब का पानी प्रदूषित होता है, बल्कि भूजल की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।” यह कार्रवाई खरखरा गांव के प्रकाश यादव द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद की जा रही है।

अपनी शिकायत में यादव ने दावा किया कि गांव के घरों से निकलने वाला पानी नालियों से बहकर तालाब में जमा हो जाता है। उन्होंने दावा किया, “इससे न केवल तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है, बल्कि भूजल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। दूषित पानी पीने से कई ग्रामीण, खासकर बच्चे बीमार पड़ गए हैं।”

यादव ने ट्रिब्यून को बताया, “कुछ साल पहले गांव के तालाब से गंदे पानी को हटाने के लिए पाइपलाइन बिछाने पर 37 लाख रुपए खर्च किए गए थे। परियोजना के तहत गंदे पानी को इकट्ठा करने के लिए एक बड़ा गड्ढा खोदा गया था, लेकिन यह अभी भी गांव के तालाब में बह रहा है।”

उन्होंने कहा कि एनजीटी ने हाल ही में हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण को संबंधित अधिकारियों से प्रासंगिक जानकारी एकत्र करके परियोजना के तहत किए गए कार्यों का ब्यौरा देने को कहा था।

यादव ने कहा, “एनजीटी ने संबंधित अधिकारियों को नवीनतम निविदा की प्रक्रिया में तेजी लाने और तालाब के पुनरुद्धार के लिए बिना किसी देरी के काम पूरा करने का निर्देश दिया है।” उन्होंने कहा कि इस काम के लिए ग्राम पंचायत से कोई धनराशि नहीं ली जाएगी।

सामाजिक कार्यकर्ता कांता देवी ने कहा कि तालाब का जीर्णोद्धार जरूरी है क्योंकि यह गांव वालों की आस्था का प्रतीक है और इसका ऐतिहासिक और पारिस्थितिक महत्व भी है। उन्होंने कहा, “एक समय था जब गांव वाले इसके पानी का इस्तेमाल घरेलू कामों के लिए करते थे। वे गांव के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पेड़ों की छाया में इसके चारों ओर बैठते थे। हालांकि, पिछले कुछ सालों में इन ‘जोहड़ों’ की हालत खराब हो गई है।” ग्रामीणों ने मांग की कि घरों से दूर एक और तालाब बनाया जाना चाहिए जिसमें गंदा पानी बहाया जाए।

विकास एवं पंचायत विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र गुलिया ने ट्रिब्यून को बताया कि खरकड़ा गांव के तालाब के विकास एवं जीर्णोद्धार से संबंधित निविदा प्रक्रिया के लिए आवेदन जमा करने की समय सीमा जल्द ही समाप्त होने वाली है, जिसके बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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