केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश की अभिनव पहल की सराहना की है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नई दिल्ली में सहकारिता पर आयोजित ‘मंथन बैठक’ में हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक खेती योजना की सराहना की।
शाह ने प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहल की सराहना की, जिससे देश के बाकी हिस्सों के लिए एक उदाहरण स्थापित हुआ है।
गृह मंत्री ने कहा, “हिमाचल में प्राकृतिक खेती में बहुत अच्छे प्रयोग हुए हैं।” उन्होंने कहा कि इस निर्णय के साथ, हिमाचल प्रदेश इस पद्धति से उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करके प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाला पहला राज्य बन गया है।
इस बीच, सुक्खू ने कहा कि किसान और बागवान प्राकृतिक खेती की ओर तेज़ी से आकर्षित हो रहे हैं और 2.23 लाख से ज़्यादा किसानों ने रसायन-मुक्त खेती अपना ली है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से 9.61 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
सुखू ने बताया कि मक्के के लिए शुरू में 30 रुपये प्रति किलो एमएसपी तय किया गया था, जिसे बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है और 1,509 किसानों से 1,400 मीट्रिक टन मक्का खरीदा जा चुका है। इसी प्रकार, गेहूं 60 रुपये प्रति किलो और कच्ची हल्दी 90 रुपये प्रति किलो एमएसपी पर खरीदी जा रही है।
सरकार ने चंबा ज़िले के पांगी को राज्य का पहला प्राकृतिक कृषि उपखंड घोषित किया है। इस पहल का उद्देश्य इस सुदूर घाटी में पारंपरिक कृषि पद्धतियों का संरक्षण, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना है।
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