हरियाणा विधानसभा सत्र के आखिरी दिन सिरसा जिले के रानिया से इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने राज्य में कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से कैंसर के प्रसार को रोकने की योजनाओं के बारे में पूछा और अस्पतालों में कैंसर के इलाज की सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने कैंसर के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि के पीछे के कारणों के बारे में भी पूछा।
अपने पूरक प्रश्नों में अर्जुन चौटाला ने कैंसर जांच और अभियान पर सरकार के व्यय के बारे में पूछा तथा उन जिलों का पूरा ब्यौरा मांगा जहां जांच की जा रही है।
चौटाला ने कैंसर की दवा “बेवाकिज़ुमैब” की उच्च लागत पर प्रकाश डाला, जिसकी कीमत प्रति इंजेक्शन लगभग 1.5 लाख रुपये है। मरीजों को हर 15 से 20 दिनों में इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकांश इसे वहन करने में असमर्थ हैं। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ के पीजीआई ने उसी इंजेक्शन के लिए 15,000 रुपये लिए, जबकि पंजाब के मुल्लानपुर में एक कैंसर अस्पताल ने इसे 30,000 रुपये में पेश किया। उन्होंने इसकी तुलना हरियाणा के समर्थन से की, जहाँ सरकार ने कैंसर के तीसरे या चौथे चरण में रोगियों के लिए 3,000 रुपये प्रदान किए। इसके विपरीत, पंजाब ने 1.5 लाख रुपये की पेशकश की, जिससे मरीज पीजीआई में 10 उपचार तक प्राप्त कर सके।
चौटाला ने कैंसर रोगियों के लिए वित्तीय सहायता में वृद्धि की मांग की, उन्होंने कहा कि कैंसर न केवल रोगी को प्रभावित करता है बल्कि पूरे परिवार को तबाह कर देता है। उन्होंने सरकार से नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जिला अस्पतालों को अपग्रेड करने का आग्रह किया।
उन्होंने आगे सुझाव दिया कि सरकार सभी सात प्रकार के कैंसर उपचार उपलब्ध कराए, जिसमें कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, लैप्रोस्कोपी, इम्यूनोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, लक्षित थेरेपी और स्टेम सेल प्रत्यारोपण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन उपचारों की पेशकश से कैंसर को रोकने और रोगियों की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करने में काफी मदद मिल सकती है।
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