हरियाणा के एडवोकेट जनरल- एजी (एडवोकेट जनरल) बलदेव राज महाजन ने शनिवार 9 नवंबर 2024 को इस पद पर लगातार दस साल पूरे कर लिए हैं, यह जानकारी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एडवोकेट हेमंत कुमार ने दी।
अक्टूबर 2014 में जब हरियाणा में पहली बार भाजपा ने अपने बल पर सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने, तो बलदेव राज महाजन को 10 नवंबर 2014 को राज्य का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया।
उसके बाद अक्टूबर 2019 में जब खट्टर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो महाजन एजी के पद पर रहीं और इसी साल मार्च 2024 में जब खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी पहली बार मुख्यमंत्री बने तो भी महाजन एजी के पद पर रहीं। जब सैनी राज्य के मुख्यमंत्री बने तब भी महाजन अपने पद पर बनी रहीं और आज पिछले महीने सैनी के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी महाजन अपने महाधिवक्ता के पद पर बनी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत राज्य का राज्यपाल (हालांकि मुख्यमंत्री की सिफारिश पर) ऐसे व्यक्ति को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त करता है जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता हो। आमतौर पर महाधिवक्ता का कार्यकाल राज्य सरकार या मुख्यमंत्री के कार्यकाल के साथ-साथ चलता है, हालांकि इसके कुछ अपवाद भी रहे हैं। वर्तमान में 71 वर्षीय महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन को अगस्त 2015 से हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। इस प्रकार महाजन को राज्य के कैबिनेट मंत्री की तरह वेतन, भत्ते व अन्य सुविधाएं आदि मिलती हैं।
हेमंत ने आधिकारिक जानकारी जुटाते हुए बताया कि 9 नवंबर को महाजन ने हरियाणा के एडवोकेट जनरल के तौर पर लगातार 10 साल पूरे करके एक रिकॉर्ड बनाया है, क्योंकि इससे पहले हरियाणा में किसी एडवोकेट जनरल की बात तो छोड़िए, प्रदेश के 10 पूर्व मुख्यमंत्रियों में से कोई भी अपने पद पर लगातार 10 साल पूरे नहीं कर पाया था। हालांकि, जहां तक कुल लेकिन अलग-अलग कार्यकालों की बात है तो प्रदेश की चार सरकारों (दो बार बंसीलाल और दो बार भूपेंद्र हुड्डा) में एडवोकेट जनरल रहे हवा सिंह हुड्डा अभी महाजन से आगे हैं और उनके चारों कार्यकालों का कुल योग 13 साल 2 महीने से थोड़ा अधिक है। महाजन से पहले हरियाणा में कुल 15 एडवोकेट जनरल हुए हैं, जिनमें आनंद स्वरूप, चेतन दास दीवान, देवी सिंह तेवतिया, जगन नाथ कौशल, सुशील चंद्र मोहंता, उमा दत्त गौड़, हरभगवान सिंह, हीरा लाल सिब्बल, मनमोहन सिंह लिब्राहन, हवा सिंह हुड्डा, आत्मजीत सिंह नेहरा, मोहन जैन, मनमोहन लाल सरीन, सूर्यकांत शर्मा और अशोक अग्रवाल शामिल हैं। इनमें से पांच तेवतिया, कौशल, लिब्राहन, नेहरा और सूर्यकांत हाईकोर्ट के जज भी रह चुके हैं। जस्टिस सूर्यकांत फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के जज हैं और अगले साल नवंबर 2025 में भारत के चीफ जस्टिस भी बन जाएंगे।