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सतर्कता ब्यूरो ने अवैध खनन में शामिल प्राइमविजन फर्म के ठेकेदार को राजस्थान से गिरफ्तार किया

पंजाब विजीलैंस ब्यूरो (वीबी) ने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के दौरान प्राइमविजन कंपनी के ठेकेदार महावीर सिंह को गिरफ्तार किया है, जो राज्य खनन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से 2018-2019 के दौरान जिला फिऱोज़पुर के गाँवों में अवैध खनन में शामिल था।

इस संबंध में खनन विभाग के तत्कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ षडयंत्र व भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज किया गया है।

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता के अनुसार विजीलैंस जांच (नं. 180/2019/एफज़ेडआर) की विस्तृत जांच के बाद आई.पी.सी. की धारा 409, 379, 120-बी और खनन एवं खनिज अधिनियम की धारा 21 के साथ-साथ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 13(1)(ए) सहपठित 13(2) के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन, फिरोजपुर रेंज में एफ.आई.आर. नं. 30 दिनांक 04.11.2024 दर्ज की गई है।

इसमें प्राइमविजन कंपनी के ठेकेदार महावीर सिंह और तत्कालीन खनन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी भी आरोपी हैं।

विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जांच से पता चला है कि जिला फिरोजपुर की तहसील जीरा के अंतर्गत गांवों टिंडवान, रोशन शाह वाला और बहिक गुज्जरां में महावीर सिंह ने तत्कालीन राज्य खनन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमि मालिकों को यह विश्वास दिलाकर अवैध खनन करवाया कि उसके पास पंजाब सरकार से वैध खनन अनुबंध है।

इससे राज्य के खजाने को लगभग 4,05,60,785 रुपये की वित्तीय हानि हुई तथा संबंधित भूस्वामियों को कोई उचित रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया गया।

उन्होंने आगे कहा कि आरोपी महावीर सिंह के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के बजाय, खनन विभाग के संबंधित जिला अधिकारियों ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 और खनन और खनिज अधिनियम की धारा 21 के तहत सदर पुलिस स्टेशन, जीरा में दिनांक 25.07.2020 को एफआईआर नंबर 91 दर्ज की और संबंधित भूमि मालिकों को वसूली नोटिस जारी किए।

प्रवक्ता ने बताया कि इसी तरह, तहसील फिरोजपुर में स्वीकृत खदानों के साथ लगते गांवों गिल्लांवाला, अंसल, खाने के अहल और खुशहाल सिंह वाला में महावीर सिंह ठेकेदार ने जिला खनन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से 244 कनाल और 446 कनाल 13 मरले भूमि पर अवैध खनन किया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को 31,48,63,994 रुपए का अतिरिक्त वित्तीय नुकसान हुआ, जबकि संबंधित भूमि मालिकों को कोई रॉयल्टी नहीं दी गई।

उन्होंने बताया कि जांच के आधार पर महावीर सिंह ने फिरोजपुर खनन विभाग के जिला अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके सरकारी खजाने को कुल 35,54,24,779 रुपए का वित्तीय नुकसान पहुंचाया है।

जांच के दौरान पाया गया कि यद्यपि इस अवधि के दौरान जिला खनन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा विभिन्न थानों में अवैध खनन से सम्बन्धित अनेक मामले दर्ज करवाए गए, परन्तु खनन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्राइमविजन कम्पनी के उक्त आरोपी महावीर सिंह के विरूद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

प्रवक्ता ने बताया कि खनन विभाग के जिला अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना क्षेत्र में अवैध खनन संभव नहीं था, लेकिन अधिकारियों ने उक्त फर्म की अवैध गतिविधियों को नजरअंदाज कर दिया।

परिणामस्वरूप, ठेकेदार महावीर सिंह और संबंधित जिला अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, तथा आगे की जांच जारी है। ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे कल स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।

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