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भोपाल के कारोबारी हुए डिजिटल अरेस्ट का शिकार, सायबर सेल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर की कार्रवाई

Bhopal businessman became victim of digital arrest, cyber cell police reached the spot and took action

भोपाल, 11 नवंबर । देश में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों में एक केस मध्य प्रदेश के भोपाल से आया है, जहां एक कारोबारी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए। इसके साथ ही यह प्रदेश का ऐसा पहला केस भी माना जा रहा है जहां साइबर सेल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाइव कार्रवाई की और पीड़ित को साइबर अपराधियों के चंगुल से बाहर निकाला।

मध्य प्रदेश साइबर सेल के डीजी योगेश देशमुख ने बताया कि भोपाल पुलिस को एक व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस व्यक्ति के घर गई। ऐसे मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा पीड़ितों को बहकाया जाता है। इस केस में भी वैसा ही हुआ। उनका सिम नंबर किसी केस में ड्रग के केस में, ईडी के केस, सीबीआई के केस में फंसा दिया और उनको डरा दिया कि बाहर जाएंगे तो आपको पुलिस अरेस्ट कर लेगी।

इन अपराधियों ने सारे अकाउंट की डिटेल्स लेनी शुरू कर दी थी, आधार नंबर ले लिया था। लेकिन इससे पहले कि वह पैसे ट्रांसफर करते, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन्हें बचा लिया। इस केस में पीड़ित ने मध्य प्रदेश की साइबर सेल पुलिस को मामले की जानकारी दे दी थी। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पीड़ित को बचा लिया।

योगेश देशमुख ने बताया कि जैसे ही पुलिस घर पहुंची तो साइबर अपराधियों ने अपने मोबाइल, वीडियो कॉल इत्यादि बंद कर दिए। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी वर्चुअल नंबर का उपयोग कर रहे हैं। स्काइप के माध्यम से वीडियो कॉल करके सीबीआई अधिकारी बन जाते हैं, ईडी अधिकारी बन जाते हैं और पूरा माहौल ऐसा बनाते हैं कि वह सीबीआई ईडी के दफ्तर में बैठे हों। यह अपराधी जो भूमिका के अनुसार सीबीआई, ईडी या अन्य किसी पुलिस का लोगो लगा देंगे। इस केस में भी उन्होंने ऐसे ही किया है। हम संबंधित एजेंसी से बात कर रहे हैं। जैसे ही हमें स्थान प्राप्त होगा, वहां पहुंचकर कार्रवाई करेंगे।

वहीं इस मामले के शिकार भोपाल के कारोबारी ने मध्य प्रदेश साइबर सेल पुलिस का शुक्रिया अदा किया और पीएम मोदी का भी ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने बताया, “आज दोपहर मुझे टेलीकॉम अथॉरिटी से फोन आया कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके किसी ने सिम लिया है, जिसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों में हुआ है। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुंबई साइबर पुलिस में आपको शिकायत करनी होगी और उन्होंने मुझे अरेस्ट के नाम पर डरा दिया। मुझसे सारी जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन इसके बाद मैंने मध्य प्रदेश साइबर पुलिस से संपर्क किया। जहां उनके दो जवान हमें बचाने के लिए आए। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जागरूकता फैलाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद अदा करना चाहता हूं।”

वहीं, योगेश देशमुख ने आगे बताया कि हम लगातार ऐसे साइबर अपराधियों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर रहे हैं। यहां तक की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी को इस बारे में सुझाव दिया है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसी घटनाओं पर संबंधित एजेंसियों के पास खुद जाइए। किसी को अपनी पर्सनल जानकारी या अकाउंट नंबर देने की जरूरत नहीं है।

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