नागौर, 13 अप्रैल । राजस्थान के नागौर जिले में कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है। जहां 1,000 से ज्यादा कांग्रेसियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है।
दरअसल, इतने बड़े पैमाने पर कांग्रेसियों के पार्टी छोड़ने की वजह नागौर लोकसभा क्षेत्र के तीन नेताओं के निलंबन से जुड़ा है। बीते दिनों नागौर में भाजपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति मिर्धा के प्रचार का आरोप लगाते हुए तीन कांग्रेस नेताओं को 6 साल के लिए निलंबित किया गया था।
पूर्व विधायक भंवराराम, कुचेरा पालिकाध्यक्ष तेजपाल मिर्धा और सुखाराम डोडवाडिया के कांग्रेस से निलंबन के बाद नागौर जिला कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है।
कुचेरा पालिकाध्यक्ष तेजपाल मिर्धा के निलंबन से आहत उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस पार्टी को अलविदा बोल दिया, जिनकी संख्या 1,000 से ज्यादा बताई जा रही है।
तेजपाल मिर्धा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि नागौर में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में आगे थी और आठ में से चार सीटें जीती थी, लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की स्थिति भाजपा से अच्छी थी, लेकिन, फिर भी आरएलपी से गठबंधन किया गया, जो सही नहीं है। आज आम कांग्रेसी कार्यकर्ता के दिल में आक्रोश है।