December 12, 2024
Haryana National

भाजपा ने हरियाणा में 50 लाख सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा है : मोहन लाल बड़ौली

चंडीगढ़, 27 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरियाणा इकाई के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने बुधवार को कहा कि पार्टी ने राज्य में 50 लाख सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मोहन लाल बड़ौली ने कहा, “हरियाणा में हमने भाजपा के कुनबे को बड़ा करने के मकसद से 50 लाख सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से अब तक हम 16 लाख सदस्य जोड़ चुके हैं। जल्द ही इस परिधि को विस्तारित करेंगे। हमारा सदस्यता अभियान 30 नवंबर तक चलेगा। सभी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने बूथ पर जाकर 250 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। आज सभी 225 बूथों के कार्यकर्ता आए और सभी ने अपना फीडबैक दिया। इसके साथ हमने आगे अपने लक्ष्य को विस्तारित करने पर ध्यान दिया है। हमारी पार्टी ने तीसरी बार जीत का परचम लहराया है। हम लगातार पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि हमारी पार्टी मजबूत हो। आज हमने चार विधानसभा सीटों में इसी तरह की बैठक की है।”

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि उन्हें लोकतंत्र का अर्थ समझ में आ गया। उन्हें पता चल गया कि आखिर लोक क्या होता है और तंत्र क्या होता है। भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से गरीब के कल्याण को उनके घर तक पहुंचाने का काम किया है, उसे तंत्र कहा जाता है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से ही लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है। साल 1975 में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया। कांग्रेस ने कई मौकों पर यह साबित किया है कि उसे लोकतंत्र से कोई सरोकार नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली पार्टी है। इसलिए हम लोगों को मतदान करने के लिए उत्साहित करते हैं। रही बात भूपेंद्र हुड्डा की, तो उन्हें पूरी आजादी है, वह कुछ भी कह सकते हैं।”

हरियाणा सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर खरीदे जाने को लेकर कांग्रेस के सवालों पर मोहन लाल बड़ौली ने कहा, “आखिर इसे लेकर कांग्रेस के पेट में क्यों दर्द हो रहा है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब क्या उसने हेलीकॉप्टर नहीं खरीदे होंगे। बिल्कुल खरीदे होंगे। आज हरियाणा सरकार को हेलीकॉप्टर की जरूरत है।”

किसानों को लेकर उन्होंने कहा कि अगर किसानों को लगता है कि उन्हें दिल्ली जाना चाहिए, तो जरूर जाएं। किसानों को दिल्ली जाना चाहिए। उन्हें खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्हें पूरा हक है। लेकिन जिस प्रदेश के किसान हैं, वे पहले वहां जाकर अपनी मांगों को रखें। जब उन्हें लगे कि संबंधित राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है, तो वे दिल्ली का रुख कर सकते हैं।

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