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बोधगया : मुनाफे का सौदा साबित हो रही है थाई बेसिल की खेती, स्वास्थ्य के लिए भी है लाभकारी

Bodh Gaya: Cultivation of Thai basil is proving to be a profitable deal, it is also beneficial for health.

गया, 18 नवंबर । बिहार के गया में थाई बेसिल (तुलसी) की खेती हो रही है। थाई बेसिल की खेती न सिर्फ मुनाफे वाली है, बल्कि यह कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होती है। गया जिले के बोधगया के बकरौर गांव में थाई तुलसी की खेती हो रही है।

अंतर्राष्ट्रीय स्थली बोधगया में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। ऐसे में थाई तुलसी की यहां काफी डिमांड है। डिमांड को देखते हुए विदेशी तुलसी की खेती बोधगया में पहली बार हो रही है। गया जिले के बोधगया के बकरौर गांव में थाई तुलसी की खेती हो रही है।

बोधगया के बकरौर गांव में शोभा देवी नाम की महिला थाई तुलसी की खेती कर रही है। थाई तुलसी की खेती लेमनग्रास की खेती की तरह फैलती है। यह कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाला सौदा है। थाई तुलसी की उपज कर महज पांच सौ रुपए लगाकर हजारों की महीने की कमाई आसानी से की जा रही है।

इस संबंध में महिला किसान शोभा देवी ने बताया कि थाई तुलसी की डिमांड को देखते हुए इसकी खेती शुरू की गई है। जिस तरह से लेमन ग्रास की खेती की जाती है, उसी तरह थाई बेसिल की भी खेती होती है। थाई बेसिल सुगंधित और गुणवत्तापूर्ण होती है।

किसान शोभा देवी ने कहा, “यह थाई बेसिल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसे तीन महीने में तैयार किया जाता है। इसका आमतौर पर जूस बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल विदेशी लोग करते हैं। इससे खुशबू भी आती है। हमने इसकी खेती विदेशी लोगों से सीखी है। ”

असिस्टेंट प्रोफेसर अमित कुमार सिंह बताते हैं कि बोधगया में वर्तमान में थाई बेसिल की खेती हो रही है। यह स्वीट बेसिल की एक वेरायटी है। इसका उपयोग व्यापक पैमाने पर विदेशी करते हैं। कंबोडिया, लाओस, वियतनाम के अलावा चाइना, इटालियन समेत विभिन्न देश के लोग इसका उपयोग करते हैं। थाई बेसिल का फूड में उपयोग करते हैं। पत्तियों और बीज को फूड, शॉप, नूडल्स चिकन में उपयोग करते हैं। यह थाई बेसिल फ्लेवरिंग एजेंट का काम करता है। इसके पत्तियों और बीज का उपयोग किया जाता है।”

उन्होंने बताया कि थाई बेसिल कई बीमारियों को नियंत्रित करता है। थाई बेसिल जहां होता है, वहां मच्छर नहीं आते हैं। थाई बेसिल विभिन्न मार्कर के डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। डायबिटीज के जो मरीज थाई बेसिल के पत्तियों को चबाते हैं, यह उनके शुगर लेवल को कम करता है। इस तरह पौष्टिकता, गुणवत्ता को लेकर विदेशियों के बीच यह काफी लोकप्रिय है। वहीं मेडिकल गुणवत्ता को लेकर भी इसकी खासी अहमियत है। खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह रामबाण के समान साबित होता है।

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