नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की एक टीम ने यमुनानगर जिले के एक गांव में एक अनाधिकृत कॉलोनी में तोड़फोड़ अभियान चलाया।
टीम ने उक्त अनाधिकृत कॉलोनी में नमीरोधी कोर्स (डीपीसी) और कच्ची सड़कों के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। जिला नगर योजनाकार राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने एक अनाधिकृत कॉलोनी का पता लगाया, जो जिले की बिलासपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले चंदा खेड़ी गांव के राजस्व क्षेत्र में विकसित की जा रही थी। उन्होंने बताया कि यह अनाधिकृत कॉलोनी नियंत्रित क्षेत्र में आती है, जहां नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से आवश्यक अनुमति लिए बिना कोई प्लॉटिंग या निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि डिप्टी कमिश्नर पार्थ गुप्ता के आदेशानुसार, उन्होंने ड्यूटी मजिस्ट्रेट (बिलासपुर के नायब तहसीलदार), बिलासपुर के एसएचओ और राज्य प्रवर्तन ब्यूरो की टीम की मदद से उक्त अवैध कॉलोनी में तोड़फोड़ अभियान चलाया। कुमार ने बताया, “हमारी टीम ने अवैध कॉलोनी के करीब चार एकड़ क्षेत्र में कच्ची सड़कें और डीपीसी को ध्वस्त कर दिया।”
उन्होंने बताया कि 1963 के नियंत्रित क्षेत्र 41 के नियमों के तहत डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए गए थे। डीटीपी राजेश कुमार ने बताया कि डिफाल्टरों ने विभागीय आदेशों की पालना नहीं की। अवैध कॉलोनी बसाने से पहले जमीन मालिकों व अन्य संबंधित लोगों ने जरूरी अनुमति नहीं ली थी। इसलिए इस अवैध कॉलोनी में तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी अवैध कॉलोनी में प्लॉट न खरीदे और न ही बेचे।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अवैध कॉलोनी में निर्माण कार्य करता पाया गया तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा, क्योंकि जिला प्रशासन अनधिकृत कॉलोनियों में तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रखेगा।
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