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नीट मामले में तेजस्वी का बचाव करने पर मनोज झा को विजय सिन्हा का करारा जवाब पटना, 21 जून (आईएएनएस)। नीट मामले पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरोप लगाया था कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी सिकंदर यदुवेन्दु का कनेक्शन राजद नेता तेजस्वी यादव के सचिव प्रीतम के साथ था। राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने इस आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। अब मनोज झा के बयान पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा है कि मनोज झा विद्वान आदमी हैं। उनकी विद्वता प्रकट होती रहती है। लेकिन मैं बता दूं पद के लिए पैर पकड़ने वाले हम लोग नहीं हैं। उन्होंने कहा, हम लोग सम्मान के लिए स्वाभिमान छोड़ने वाले नहीं हैं और सामाजिक ताना-बाना में जातीय उन्माद पैदा करने की मानसिकता के साथ जिस राजद की गोद में वो बैठे हुए हैं, उससे वह मुक्त हो जाएं। बंधुआ मजदूरी करने वाले लोग न समाज के हितैषी हैं, ना राष्ट्र के हितेषी। सच को स्वीकार करने की ताकत रखें। विजय सिन्हा ने कहा, राजद का कल्चर अपराध और भ्रष्टाचार को पोषित, प्रशिक्षित और प्रेरित करना है। तेजस्वी पर निशाना साधते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि सोने के चम्मच को लेकर पैदा होने वाले लोग हकीकत नहीं जान पाते। जमीनी हकीकत को उन्होंने ना तो देखा है ना देखने का प्रयास कर रहे हैं। हवा में उड़ने वाले लोग जमीनी धरातल पर टिक नहीं पाते। वहीं पटना उच्च न्यायालय द्वारा 65 प्रतिशत आरक्षण को रद्द किए जाने पर विजय सिन्हा ने कहा कि माननीय न्यायालय का जो फैसला आया है, उसको देखा जाएगा। उसका पूरी तरह से अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। तेजस्वी के आरक्षण रद्द करने के लिए सरकार को जिम्मेदार बताने पर विजय सिन्हा ने कहा कि माननीय न्यायालय का आदेश का कोई अपमान करे, कोई भ्रम का वातावरण पैदा करे, वह संवैधानिक संस्था का हमेशा अपमान होता है। संविधान में उनका विश्वास नहीं है। इसलिए ऐसी मानसिकता के लोग भारत के लोकतंत्र को भी कमजोर करते हैं। माननीय न्यायालय किसी पार्टी से जुड़ा है क्या? ऐसे लोगों को माफी मांगनी चाहिए जो माननीय न्यायालय को किसी पार्टी से जोड़कर भ्रम का वातावरण बनाते हैं। –आईएएनएस एसएचके/एसकेपी
- June 21, 2024
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नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से पहले ममता बनर्जी ने इस मांग के साथ पीएम मोदी को लिखा खत नई दिल्ली, 21 (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने तीन आपराधिक कानूनों को लेकर अपना विरोध दर्ज किया है और इसे लागू नहीं करने का आग्रह भी किया है। बता दें कि ये तीनों आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होने हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का पत्र ऐसे समय में आया है जब 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने वाला है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खत में लिखा, ”आपको याद हो तो पिछले साल 20 दिसंबर को आपकी सरकार ने इन तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिल्कुल भी बहस के बिना पारित कर दिया था। उस दिन लोकसभा के लगभग 100 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसदों को संसद से बाहर निकाल दिया गया था। लोकतंत्र के उस काले समय में विधेयकों को तानाशाही तरीके से पारित किया गया। इस मामले की अब समीक्षा की जानी चाहिए। मैं अब आपसे आग्रह करती हूं कि कम से कम नए कानूनों को कार्यान्वयन करने की तारीख को टालने पर विचार करें।” उन्होंने आगे लिखा,” मेरा मानना है कि इन महत्वपूर्ण विधेयकों में किए गए परिवर्तनों को नए सिरे से विचार-विमर्श और जांच के लिए नव निर्वाचित संसद के समक्ष रखना उचित होगा। यह दृष्टिकोण नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रस्तावित कानून की गहन जांच करने का अवसर प्रदान करेगा।” –आईएएनएस एसके/एसकेपी
- June 21, 2024
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