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ईवीएम की बैटरी बदलने से वोटो की गिनती में बदलाव नहीं आता है : एसवाई कुरैशी

Changing the battery of EVM does not change the vote count: SY Qureshi

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों से कांग्रेस नाखुश है और हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा है। 8 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर परिणाम घोषित किए थे, जिसमें भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था।

भाजपा ने 48 सीट जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव परिणाम में कांग्रेस को मिली हार के बाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस का दावा है कि जहां-जहां ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज थी। वहां कांग्रेस को हार मिली। वहीं, जहां ईवीएम की बैटरी 60 से 70 प्रतिशत चार्ज थी, वहां कांग्रेस जीत गई। क्या बैटरी के कम या ज्यादा चार्ज होने से वोटों की गिनती पर इसका असर पड़ सकता है।

इसे लेकर आईएएनएस ने शुक्रवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी से बात की। उन्होंने कहा, “मुझे समाचार के माध्यम से जानकारी मिली है कि कांग्रेस पार्टी को ईवीएम को लेकर कुछ इश्यू थे। कांग्रेस ने दावा किया है कि जहां ईवीएम की बैटरी फुल थी वहां हार गए और जहां बैटरी कम थी वहां जीत गए। कांग्रेस ने तीन जिलों का मुद्दा उठाया है। मैं समझता हूं कि ईवीएम की बैटरी के ज्यादा या कम चार्ज रहने से वोटों की गिनती पर असर नहीं पड़ता है। हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग ने कांग्रेस को आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जांच करेंगे। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि जांच में कोई बात निकलकर सामने आएगी। क्योंकि बैटरी का कंपार्टमेंट अलग होता है। पोलिंग के दौरान भी कई बार ईवीएम की बैटरी बदली जाती है।”

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा, “एक बार जब वोट पड़ चुके हैं और इसके बाद बैटरी बदली भी जाती है तो काउंटिंग के दौरान कोई दिक्कत नहीं आती है। क्योंकि, एक बार जो वोट पड़ गए। उसके साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती है।”

साथ ही उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन भी बदली नहीं जा सकती है। क्योंकि, इसके लिए पूरी एक प्रक्रिया होती है। इसका डेटा भी हैक नहीं किया जा सकता है। चुनाव आयोग की जांच में भी कुछ निकलकर नहीं आएगा।

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