मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट चर्चा का जवाब देते हुए राज्य की उधारी प्रथाओं का बचाव किया, करों पर भगवान राम की भरत के साथ बातचीत का हवाला दिया और विपक्षी नेताओं पर काव्यात्मक कटाक्ष किया। आठ घंटे और 36 मिनट तक चले सत्र में उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाई गई विभिन्न चिंताओं को संबोधित किया, विशेष रूप से राज्य के कर्ज, बिजली क्षेत्र की देनदारियों और कल्याणकारी खर्च पर।
हाल ही में शुरू की गई ‘लाडो लक्ष्मी’ योजना पर प्रकाश डालते हुए, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये मिलेंगे, उन्होंने इसे महिला सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। जब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल किया कि इस योजना के लिए केवल 5,000 करोड़ रुपये ही क्यों आवंटित किए गए, तो सैनी ने जवाब दिया, “योजना शुरू होने पर शर्तों का खुलासा किया जाएगा।”
बजट का बचाव करते हुए सैनी ने इसे “जनता की आवाज” बताया तथा बताया कि उनके बजट भाषण के 78 पृष्ठों में से 27 पृष्ठ नागरिकों के सुझावों के लिए समर्पित थे।
हुड्डा के इस दावे का खंडन करते हुए कि सरकार द्वारा बताए गए 13.7% के बजाय बजट व्यय में केवल 6-7% की वृद्धि हुई है, सैनी ने कहा: “गुणा भज करलो!” उन्होंने बताया कि पिछले साल के बजट अनुमानों की तुलना में वृद्धि 7.97% थी, जबकि 2024-25 के संशोधित अनुमानों की तुलना में यह 13.7% थी।
बिजली क्षेत्र की देनदारियों पर सैनी ने स्पष्ट किया, “आज की तारीख में डीएचबीवीएन और यूएचबीवीएन के प्रति सरकार का बकाया केवल 383 करोड़ रुपये है। 2014 में यह 663 करोड़ रुपये था और उस समय दोनों संस्थाओं पर 34,600 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे अब घटाकर 19,326 करोड़ रुपये कर दिया गया है।”
अत्यधिक ऋण के आरोपों का खंडन करते हुए सैनी ने कहा: “2025-26 के बजट अनुमानों के अनुसार, कुल ऋण देयता 3.53 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 26.18% है, जो 15वें वित्त आयोग की 32.5% की सीमा के भीतर है।”
उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा, “2014-15 में राज्य का राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.90% था। हमारे शासन में, यह 2023-24 में 1.09% था। हमारा लक्ष्य 2025-26 तक इसे 1% से नीचे लाना है।” राजकोषीय अनुशासन पर उन्होंने कहा, “हमारा राजकोषीय घाटा 2024-25 में 2.68% और 2025-26 में 2.67% रहने का अनुमान है, जो वित्त आयोग द्वारा निर्धारित 3% की सीमा के भीतर है।”
हुड्डा के इस सुझाव को खारिज करते हुए कि राज्य को 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण की आवश्यकता हो सकती है, सैनी ने कहा: “हम 2025-26 के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपये के बजट के भीतर सभी प्रतिबद्धताओं को लागू करेंगे।”
अवैध खनन पर सैनी ने पिछली कांग्रेस सरकार पर चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार के दौरान खनन के अधिकार सिर्फ तीन लोगों को दिए गए थे। हमारी सरकार के तहत खान एवं भूविज्ञान विभाग का राजस्व बढ़ा है, जिससे साबित होता है कि अवैध खनन के दावे बेबुनियाद हैं।”
बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “जबकि बीपीएल दर्जे के लिए राष्ट्रीय सीमा 1,20,000 रुपये की वार्षिक आय है, हरियाणा ने इसे बढ़ाकर 1,80,000 रुपये कर दिया है, जिससे स्वाभाविक रूप से पात्र परिवारों की संख्या बढ़ जाती है।”
तीन घंटे 31 मिनट तक सैनी ने विपक्ष के दावों का खंडन किया और राजकोषीय जिम्मेदारी, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण पहलों पर अपनी सरकार की नीतियों का बचाव किया। उनके भाषण ने विधानसभा को आश्वस्त करने की कोशिश की कि हरियाणा की आर्थिक सेहत स्थिर बनी हुई है और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है।
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