प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भीमराव अंबेडकर की विरासत का हवाला देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने संविधान निर्माता को धोखा दिया तथा दशकों तक देश की औद्योगिक और सामाजिक प्रगति को अवरुद्ध किया।
उन्होंने कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ और सत्ता के लिए संविधान को कुचलने का आरोप लगाया। नये वक्फ कानून का बचाव करते हुए मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा 2013 में पेश किये गये प्रावधान भूमि हड़पने वालों के पक्ष में थे, जो कमजोर वर्गों और विधवाओं की संपत्तियों पर अतिक्रमण कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने आज हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए उड़ान को हरी झंडी दिखाई और एक नए टर्मिनल का शिलान्यास भी किया। यमुनानगर में उन्होंने दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट की 800 मेगावाट की नई इकाई का शिलान्यास किया।
हिसार और यमुनानगर की रैलियों में मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस ने अंबेडकर को उनके जीवनकाल में अपमानित किया, दो बार उनकी हार सुनिश्चित की और उन्हें दरकिनार करने की साजिश रची। उन्होंने कहा, “उनके निधन के बाद, कांग्रेस ने उनकी यादों को मिटाने और उनके विचारों को खत्म करने की भी कोशिश की।”
उन्होंने पूछा, “अगर वे (कांग्रेस) वाकई अंबेडकर के रास्ते पर चलते तो भारत दशकों तक बिजली की कमी, गरीबी और बेरोजगारी में क्यों फंसा रहता? हमारे दलित, पिछड़े और हाशिए पर पड़े युवाओं को उद्योग से जुड़े रोजगार क्यों नहीं मिल पाते?”
उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि यदि वे दलितों के कल्याण के बारे में इतने चिंतित हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के घरों तक नल का पानी पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले छह-सात वर्षों में हमने 12 करोड़ से अधिक घरों में नल का जल कनेक्शन उपलब्ध कराया है। आज 80 प्रतिशत घरों में नल का जल है और जल्द ही पूरी आबादी को इसका लाभ मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों के दौरान बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच भी हाशिए पर पड़े समुदायों की पहुंच से बाहर थी। उन्होंने कहा, “अब, ये वर्ग जन धन खातों के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।”
कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी सत्ता बरकरार रखने के लिए संविधान का इस्तेमाल एक हथियार के रूप में कर रही है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान में समान नागरिक संहिता (धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता) का प्रावधान तो था, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। उन्होंने कहा, “हमने उत्तराखंड में इसे लागू किया है, लेकिन जो लोग कभी संविधान को रौंदते थे, वे अब इसका विरोध कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने आरक्षण नीति को सशक्तिकरण के साधन के बजाय राजनीतिक हथियार में बदल दिया है। कर्नाटक का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वहां की कांग्रेस सरकार ने धार्मिक आधार पर आरक्षण को बढ़ाया है, जिससे एससी, एसटी और ओबीसी को उनके हिस्से से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने याद दिलाया कि अंबेडकर ने संवैधानिक बहसों के दौरान धर्म के आधार पर आरक्षण का स्पष्ट विरोध किया था।
उन्होंने 2013 के वक्फ कानून संशोधन को एक राजनीतिक चाल करार देते हुए कहा, “इस तुष्टिकरण की नीति ने मुस्लिम समुदाय को भी नुकसान पहुंचाया क्योंकि इससे केवल कुछ कट्टरपंथियों को फायदा हुआ जबकि बहुसंख्यक गरीब और अशिक्षित बने रहे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने वक्फ कानून को संविधान से ऊपर रखा और अंबेडकर का अपमान किया।’’ उन्होंने कहा कि वक्फ के स्वामित्व वाली लाखों एकड़ जमीन का इस्तेमाल गरीबों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने चौधरी चरण सिंह के योगदान के सम्मान में भाजपा सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न दिए जाने पर भी प्रकाश डाला।
हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान सरकारी नौकरियां “बिक्री पर” थीं, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के तहत भर्ती पारदर्शी थी।
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