नागपुर, 14 जून। लोकसभा चुनाव में अच्छा परिणाम प्राप्त ना करने पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ज्यादा अहंकार होने की वजह से भगवान राम ने आज भाजपा की ये हालत कर दी। इंद्रेश कुमार के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार की प्रतिक्रिया सामने आई है।
वेडट्टीवार ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “इन लोगों को शायद यह नहीं पता कि भगवान राम को अहंकार नहीं था। ये लोग नाम तो भगवान राम का लेते हैं, लेकिन इनका अहंकार अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। यह लोकतंत्र है, शायद यह लोग भूल गए थे कि लोकतंत्र में जो अहंकार दिखाता है, जनता उसे पलक झपकते ही अपनी जगह दिखा देती है। आप लोग भगवान राम के नाम का व्यापार करेंगे और जनता आपको छोड़ देगी। इस गलतफहमी को आप जितनी जल्द हो सके, निकाल दीजिए। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इनके अहंकार को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। अब शायद ये लोग अहंकार नहीं दिखाएंगे।“
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “मैं आखिरी में यही बात कहना चाहूंगा कि भारतीय जनता पार्टी के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। अगर समय रहते भाजपा नहीं सुधरी, तो आगामी दिनों में उसे और ज्यादा दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है। अब अगर इन लोगों ने कभी भी अहंकार दिखाने की कोशिश की, तो जनता इन्हें अपनी जगह दिखाने में एक सेकेंड भी नहीं लेगी।“
इस बीच, भाजपा ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे को हिंदुओं के नहीं, बल्कि मुस्लिमों के वोट मिले हैं। इस पर जब कांग्रेस नेता वेडट्टीवार से सवाल किया गया तो उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “इसका मतलब हुआ है कि पराजय झेलने के बाद अब हिंदुओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। अब हिंदू समुदाय बीजेपी के साथ नहीं है। बीजेपी के आरोप से तो यही साबित होता है। इसका स्पष्ट संकेत है कि हिंदुओं ने अब बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। अगर ना छोड़ा होता है, तो इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की ऐसी हालत ना होती, लेकिन जिस तरह से भाजपा की दुर्गति इस चुनाव में हुई है, उससे यह साफ है कि यह पार्टी अब चौतरफा पस्त हो चुकी है।“
बता दें कि आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम प्राप्त करने में असमर्थ भाजपा को आईना दिखाया था। उन्होंने कहा, “भगवान राम ने इस बार इनके (बीजेपी) अहंकार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है, इसलिए ये लोग महज 241 सीटों पर ही सिमटकर रह गए। अगर इन लोगों ने अहंकार ना किया होता, तो आज इनकी ऐसी हालत ना होती। वहीं हैरानी इस बात को लेकर है कि भगवान राम का विरोध करने वाले लोग बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहे, लेकिन सरकार बनाने से चूक गए। शायद इसे ही प्रभु की लीला कहते हैं, जिसे इंसानी दिमाग समझने में असमर्थ है।“
इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 400 पार का नारा दिया था, लेकिन पार्टी की ऐसी दुर्गति हुई कि वो अकेले के दम पर बहुमत भी नहीं ला पाई।