नई दिल्ली, 14 जून । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। इंद्रेश ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा था कि भगवान राम की भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई थी, इसलिए 241 पर सिमट गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि आरएसएस लंबे समय तक चुप रहा, इसकेे कारण वह स्वयं अप्रासंगिक हो गया है।
कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा कि यह बीज तो आरएसएस ने ही बोए हैं। बबूल के बीज बोए हैं, तो उससे आम के फल कैसे मिलेंगे। कांग्रेस का कहना है कि 10 साल तक लगातार मोहन भागवत जी की चुप्पी ने उन्हें अप्रासंगिक बना दिया है।
वहीं, आम आदमी पार्टी का कहना है कि अहंकार की सीमा तो तब पार हो गई, जब इन्होंने गाना बनाया, ‘जो राम को लाए हैं- हम उनको लाएंगे’। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि क्या तब भागवत जी को सवाल नहीं उठाना चाहिए था कि कोई इंसान भगवान श्री राम को नहीं ला सकता। क्या इंद्रेश कुमार जी को सवाल नहीं उठाना चाहिए था कि हमें इस गाने पर आपत्ति है।
उन्होंने कहा कि क्या तब आरएसएस व बीजेपी ने वह पोस्टर नहीं देखा था, जिसमें मोदी जी की तस्वीर बड़ी है और भगवान राम की तस्वीर छोटी सी है। उन्होंने कहा कि तब अहंकार नहीं दिखा, जब जेपी नड्डा जी ने कहा कि मोदी जी देवताओं के देवता हैं। संजय सिंह ने कहा कि इससे बड़ा अहंकार का उदाहरण और क्या हो सकता है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम प्राप्त न करने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भगवान राम की भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई थी, इसलिए 241 पर सिमट गई। इस चुनाव में बीजेपी का अहंकार ध्वस्त हो गया।
इंद्रेश कुमार ने कहा, “इन लोगों ने भगवान राम की भक्ति तो की, मगर इनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया। आज भगवान राम ने इनके अहंकार को खत्म कर दिया है। ये लोग इस चुनाव में प्रशंसनीय परिणाम नहीं दे पाए। शायद अब इन्हें लोकतंत्र की ताकत का एहसास हो चुका होगा।