सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने ज़िले के सरकारी अधिकारियों के “मनमाने और उदासीन रवैये” के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। सेतिया ने फ़ेसबुक पर लिखा, “कोई प्रोटोकॉल नहीं, सिर्फ़ विरोध प्रदर्शन।” उन्होंने कहा कि मंगलवार को सिरसा की जनता प्रशासन से जवाब मांगेगी।
पत्रकारों से बात करते हुए सेतिया ने कहा कि उन्हें विधायक बने एक साल हो गया है, फिर भी जनता प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रही है। उन्होंने कहा, “कोई भी अधिकारी न तो फ़ोन उठाता है और न ही शिकायतें सुनता है। सीवर व्यवस्था चरमरा गई है और पानी की भारी किल्लत है। ये अधिकारी खुद को सबसे ऊपर समझते हैं, ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वे ही सरकार हों, क्योंकि यह भाजपा का शासन है। लेकिन अब सिरसा की जनता सवाल पूछेगी।”
यह विरोध प्रदर्शन मंगलवार को जिला विकास एवं समन्वय समिति (दिशा) की बैठक के साथ होगा, जिसकी अध्यक्षता लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा करेंगी। सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है। सेतिया ने कहा कि उन्होंने बैठक के दौरान अपनी चिंताओं को उठाने की योजना बनाई है और जनता को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
पड़ोसी फ़तेहाबाद से तुलना करते हुए, सेतिया ने दावा किया कि वहाँ के अधिकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी के ज़िले के दौरे के बाद ही सक्रिय हुए। उन्होंने कहा, “उन्होंने रातों-रात सड़कें बनवाईं और शहर की सफ़ाई कर दी। ये अधिकारी सिर्फ़ एक प्रभावशाली व्यक्ति की कद्र करते हैं, न कि उन लोगों की जिनकी वे सेवा करते हैं। कई तो सिर्फ़ सत्ता के सुख भोगने में ही रुचि रखते हैं। सरकार बदलते ही ये किसी और को सलाम ठोकने लगेंगे।”
सेतिया ने यह भी स्वीकार किया कि नगर निगम चुनावों में निवासियों ने उनका साथ नहीं दिया था, जो उनके अनुसार शहर की मौजूदा परेशानियों का एक कारण है। उन्होंने कहा, “सीवर लाइनें पहले से ही जाम हैं, और अगर यही हाल रहा तो हालात और भी बदतर हो जाएँगे। अधिकारी अपना काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुझे पता है कि काम कैसे करवाना है। अगर वे नहीं सुनते, तो विरोध ही एकमात्र रास्ता है।”

													