स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि 8वीं डोगरा रेजिमेंट ने देश के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।
सेना से सेवानिवृत्त कर्नल शांडिल ने आज ज्वालामुखी में डोगरा रेजिमेंट की 8वीं बटालियन के 77वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि डोगरा बटालियन का गठन 1 फरवरी 1948 को हुआ था और इसने 1962, 1965, 1971 और कारगिल युद्ध में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि डोगरा बटालियन के बिलासपुर निवासी भंडारी राम को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था, जिसके कारण इस बटालियन को विक्टोरिया क्रॉस बटालियन के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि इस बटालियन को जहां भी तैनात किया गया, इसने अपनी अद्वितीय वीरता दिखाई। हिमाचल प्रदेश न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है। उन्होंने कहा कि राज्य के वीर सैनिक अपने अदम्य साहस, वीरता और बलिदान के लिए जाने जाते हैं।
प्रदेश को पहला परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा ने जीता था। कैप्टन विक्रम बत्रा, कर्नल डीएस थापा और मेजर संजय सिंह ने भी अदम्य वीरता का परिचय देते हुए परमवीर चक्र की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराया है।
उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों को सम्मानित करते हुए, राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल के दौरान 620 वीरता पुरस्कार विजेताओं को कुल 1,87,13,448 रुपये की राशि आवंटित की गई है। हमारे शहीदों के सम्मान में धर्मशाला में एक युद्ध स्मारक भी बनाया गया है। इसके साथ ही, इन वीरों की कहानियों को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से यहां एक युद्ध संग्रहालय का निर्माण भी प्रगति पर है।
उन्होंने समारोह में शामिल होने के लिए भूतपूर्व सैनिकों का आभार व्यक्त किया तथा अपने विवेकाधीन कोष से इस समारोह के लिए 31,000 रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर उनके साथ कर्नल (सेवानिवृत्त) शोभा सिंह भी मौजूद थीं, जिन्होंने 1994 से 1997 तक इस बटालियन का प्रतिनिधित्व किया था।