हिमाचल, के सभी जिलों में नए सिरे से बंदरों की गिनती होगी। वर्ष 2019 के बाद प्रदेश में बंदरों की गिनती नहीं हुई है। राज्य का वन्य प्राणी विभाग यह गणना करावाएगा, और इसके लिए किसी एजेंसी की मदद ली जाएगी। उल्लेखनीय है कि, प्रदेश में बंदरों के आतंक के बाद से कई किसानों ने परंपरागत व्यवसाय खेतीबाड़ी छोड़ दी है। कई किसानों के खेत सालों से बंजर पड़े हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि, जंगली जानवर खासकर बंदर फसलों को तबाह करने लगे हैं। वर्ष 2019 में बंदरों की गणना में बंदरों की संख्या कम होने की बात सामने आई थी।
तब से लेकर आज तक बंदरों की संख्या में गिरावट आई है, या अब फिर से बढ़ने लगी है। इस दिशा में अध्ययन कराया जाना है। वानर सेना ग्रामीण इलाकों में कृषि और बागवानी फसलों की तबाह करती रही है।
वर्ष 2019 के अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2015 में कुल 2, 05,167 बंदरों के मुकाबले वर्ष 2019-2020 में बंदरों की संख्या 1,36,443 रह गई है। इस दौरान बंदरों की संख्या में 33.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। वर्ष 2022 में अभी तक प्रदेश में बंदरों की संख्या घटी है या फिर बढ़ी है, यह अध्ययन कराया जाना बाकी है।
राज्य के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर कहते है कि, वर्ष 2019 के अध्ययन में बंदरों की संख्या में कमी दर्ज की गई थी। वर्तमान में प्रदेश में बंदरों की संख्या में क्या अंतर आया है, इसे लेकर विभाग शीघ्र एजेंसी से अध्ययन कराएगा।
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हिमाचल के सभी जिलों में नए सिरे से होगी बंदरों की गिनती
- October 6, 2022
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