सात दिवसीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दूसरे दिन आज शाम को अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक परेड का आयोजन किया गया। भाग लेने वाले देशों के विदेशी दलों ने मीना बाजार और दशहरा मैदान में सांस्कृतिक परेड की। उन्होंने अपने पारंपरिक परिधानों का प्रदर्शन किया और अपनी संस्कृति की झलक पेश की।
बेलारूस, कजाकिस्तान, अमेरिका, ताजिकिस्तान, बोलीविया, ब्राजील, किर्गिस्तान, वेनेजुएला, मिस्र, उज्बेकिस्तान, थाईलैंड, बांग्लादेश, रूस, नेपाल, म्यांमार, इंडोनेशिया और गुयाना के सांस्कृतिक दलों ने मार्च करते हुए और विभिन्न शानदार प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का मन मोह लिया। देश और राज्य के कुछ दलों ने भी परेड में हिस्सा लिया। दर्शकों ने खूब आनंद लिया और सभी ने कार्यक्रम की सराहना की।
कल कला केंद्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय लोकनृत्य महोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या के दौरान लगभग 15,000 लोगों की क्षमता वाला ओपन एयर ऑडिटोरियम कला केंद्र लगभग आधा खाली रहा। दर्शक इस बात से नाखुश थे कि महोत्सव के निमंत्रण पत्र के अनुसार श्रीलंका से आने वाला अपेक्षित सांस्कृतिक दल भी प्रस्तुति नहीं दे पाया। दशहरा महोत्सव समिति को 21 देशों के सांस्कृतिक दलों के भाग लेने की उम्मीद थी। लेकिन निमंत्रण पत्र पर केवल पांच देशों के दलों का ही उल्लेख था। अब महोत्सव में भाग लेने के लिए लगभग 17 विदेशी सांस्कृतिक दल आ चुके हैं।
पार्श्व गायक शाहिद माल्या ने लगभग 40 मिनट की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। शाइना ग्रुप द्वारा प्रस्तुत फैशन शो को दर्शकों ने खूब सराहा। पहली सांस्कृतिक संध्या शाम करीब 6 बजे शुरू हुई और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला मुख्य अतिथि थे।
कठिन ऑडिशन से गुजर कर कला केंद्र के मंच पर पहुंचे प्रदेश भर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। कलाकारों ने कुल्लवी, पहाड़ी, पंजाबी और फिल्मी गीतों व नृत्यों की प्रस्तुति से समां बांध दिया और कुल्लवी गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। सांस्कृतिक समूह ने मनमोहक कुल्लवी नाटी प्रस्तुत की।