उपायुक्त किन्नौर अमित कुमार शर्मा के कार्यालय में आज नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान शर्मा ने किन्नौर के युवाओं में नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पुलिस प्रयासों के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी पर अंकुश लगाने के महत्व पर भी जोर दिया, जिसका लक्ष्य किन्नौर को नशा मुक्त जिला बनाना और राज्य और राष्ट्र के लिए एक उदाहरण स्थापित करना है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस और सामाजिक न्याय विभागों से बेहतर समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अतिव्यापी मुद्दों से बचा जाए और नशीली दवाओं के दुरुपयोग को खत्म करने में ठोस सुधार किए जाएं।
डीसी ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों को निर्देश दिया कि वे छात्रों को नशीली दवाओं के उपयोग के खतरों के बारे में नियमित रूप से सूचित करें और उन्हें सकारात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोरोग परामर्श पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने यह भी कहा कि नशीली दवाओं के तस्करों के बारे में जानकारी जिला पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल ऐप पर दी जा सकती है, उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर ने बैठक का संचालन किया तथा पुलिस विभाग द्वारा मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे मादक पदार्थ तस्करी के विरुद्ध चल रही मुहिम को मजबूती प्रदान करते हुए पुलिस का सहयोग करें।
इसके अतिरिक्त, बैठक में कोटपा अधिनियम, 2003 के तहत चलाए जा रहे अभियान पर विस्तृत चर्चा की गई तथा नशा प्रभावित युवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित पुनर्वास केंद्रों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
जिला कल्याण अधिकारी बलबीर ठाकुर ने बताया कि युवाओं को खेल गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत जिला, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 2 अक्टूबर को जिले की विभिन्न ग्राम सभाओं में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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