नई दिल्ली, 29 अक्टूबर । उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र में एक खुले नाले में सात साल के बच्चे की लाश बरामद की गई है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर रोष है। उनका कहना है कि अगर एमसीडी के नाले को ढंका जाता तो यह घटना नहीं होती। बता दें कि बच्चा 23 अक्टूबर को लापता हुआ था और 27 अक्टूबर को इस नाले से बच्चे की लाश बरामद की गई।
स्थानीय निगम पार्षद रोशनलाल ने आईएएनएस से कहा, “यह दुख का विषय है कि एक बच्चे की मौत हो गई। मैं किसी भी तरह से राजनीति नहीं करना चाहता हूं। परिजनों के प्रति हमारी संवेदना है। बच्चे के परिजनों के लिए जो भी बन पड़ेगा वह हम अपनी ओर से करेंगे।”
स्थानीय दुकानदार नज्जू ने बताया कि यह घटना लापरवाही के चलते हुई है। अगर पहले ही नाले को ढंक दिया जाता तो आज सात साल के मासूम की मौत नहीं होती। उन्होंने कहा, “नाला हमेशा खुला ही रहता है। हादसा होने के बाद इसे ढंका गया है। एमसीडी की लापरवाही है क्योंकि इस नाले में चार-पांच दिन पहले बच्चा गिरा है, और कल (रविवार) रात उसे काफी मशक्कत के बाद निकाला गया है।”
अली शेख ने बताया कि बच्चे की उम्र सात साल थी। वह गली से निकल रहा था। इसी दौरान वह 14 फीट गहरे नाले में गिर गया। बच्चा 23 तारीख को लापता हुआ था। कल शाम को हमें इस बारे में पता चला है। इस घटना की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। हालांकि, पुलिस को जो कार्रवाई करनी थी वह कार्रवाई हुई है। बच्चे का पोस्टमॉर्टम हो गया है।
बलबीर भदोरिया ने कहा, “सरकार की लापरवाही है। सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है जिससे इस तरह की घटना दोबारा न हो।”