July 15, 2025
World

भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन और उर्वरक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

Discussion on increasing bilateral cooperation in chemicals and fertilizers sector between India and Saudi Arabia

 

नई दिल्ली, भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा की दम्मम और रियाद यात्रा में ध्यान केंद्रित किया गया। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

 

सप्ताहांत में हुई इस दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा में केंद्रीय मंत्री नड्डा ने एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। केंद्रीय मंत्री ने रियाद में सऊदी अरब के उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री बंदर बिन इब्राहिम अल खोरायफ के साथ उर्वरक, पेट्रोरसायन और दवा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस दौरे पर माडेन और भारतीय कंपनियों (आईपीएल, कृभको और सीआईएल) के बीच दीर्घकालिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत 2025-26 से पांच वर्षों के लिए प्रति वर्ष 3.1 मिलियन मीट्रिक टन डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की आपूर्ति की जाएगी, जिसे आपसी सहमति से पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है।

वर्ष 2024-25 में भारत द्वारा सऊदी अरब से डीएपी उर्वरक का आयात 1.9 मिलियन मीट्रिक टन था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान आयातित 1.6 मिलियन मीट्रिक टन से लगभग 17 प्रतिशत अधिक है।

दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के दायरे को व्यापक बनाने और इसमें यूरिया के साथ-साथ डीएपी जैसे अन्य प्रमुख उर्वरकों को शामिल करने की अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया, जिसका उद्देश्य भारत की उर्वरक सुरक्षा को और सुनिश्चित करना है।

मंत्रालय के अनुसार, आपसी निवेश को सुगम बनाने पर भी चर्चा हुई, जिसमें सऊदी उर्वरक क्षेत्र में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए निवेश के अवसरों की खोज और पारस्परिक रूप से भारत में सऊदी निवेश पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इसके अतिरिक्त नेताओं ने कृषि उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से भारत-विशिष्ट अनुकूलित और वैकल्पिक उर्वरकों के विकास में सहयोगात्मक अनुसंधान के अवसरों पर भी बातचीत की।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने रियाद में सऊदी स्वास्थ्य उप मंत्री अब्दुलअजीज अल-रुमैह से भी मुलाकात की।

दोनों के बीच चिकित्सा क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों और ज्ञान के आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई।

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