थानेसर नगर परिषद के कांग्रेस विधायक और भाजपा पार्षदों के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। 23 मई को हुई बैठक में विधायक और भाजपा पार्षद के पति के बीच हाथापाई के बाद 28 मई को होने वाली बैठक में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। लेकिन, बैठक में शामिल होने के लिए विधायक, चेयरपर्सन और पार्षद पहले ही पहुंच चुके थे, लेकिन बैठक को अंतिम समय में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी और सचिव के न आने के कारण रद्द कर दिया गया।
सदन की बैठक से पहले कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा और भाजपा पार्षद के पति नरिंदर शर्मा के बीच हाथापाई हो गई। जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भाजपा पार्षदों और उनके समर्थकों ने विधायक के खिलाफ नारे लगाए, तो बैठक रद्द कर दी गई। बाद में उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
बैठक कक्ष में अनाधिकृत व्यक्तियों की मौजूदगी को लेकर विधायक और भाजपा पार्षद के पति के बीच विवाद शुरू हो गया। थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा ने बैठक कक्ष में अनाधिकृत व्यक्तियों की मौजूदगी पर सवाल उठाया था, जबकि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी की ओर से पार्षदों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए थे कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निर्देशानुसार निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के रिश्तेदारों को सदन की बैठक में शामिल न होने दिया जाए।
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