February 4, 2025
National

झारखंड में मैट्रिक-इंटर की परीक्षा पर संशय, एडमिट कार्ड नहीं हो सके जारी

Doubt over Matric-Inter examination in Jharkhand, admit card could not be issued

झारखंड में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की 11 फरवरी से होने वाली परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। महज आठ दिन बाद होने वाली परीक्षा के लिए अब तक एडमिट कार्ड जारी नहीं किए जा सके हैं। इसकी वजह झारखंड में मैट्रिक-इंटर की परीक्षाएं लेने वाली संस्था झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में चेयरपर्सन और वाइस चेयरपर्सन के पद का रिक्त होना है।

एडमिट कार्ड पर इनमें से किसी एक का हस्ताक्षर होता है। काउंसिल की ओर से पूर्व में घोषित शेड्यूल के अनुसार मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड क्रमशः 25 जनवरी और 28 जनवरी से वेबसाइट से डाउनलोड किए जाने थे, लेकिन यह प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इन परीक्षाओं में 7 लाख 77 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों को शामिल होना है।

इसके पहले 8वीं और 9वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी काउंसिल ने स्थगित कर दी हैं। काउंसिल में चेयरपर्सन के पद पर पदस्थापित रहे डॉ. अनिल महतो और वाइस चेयरपर्सन डॉ. विनोद सिंह दोनों का कार्यकाल 18 जनवरी को खत्म हो गया था। इसके बाद सरकार अब तक इन पदों पर नई नियुक्ति नहीं कर सकी है।

इन पदों पर तत्काल नियुक्ति की मांग को लेकर झारखंड इंटरमीडिएट शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. देवनाथ सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में दो दिन पूर्व एक जनहित याचिका भी दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से हर साल आयोजित होने वाली परीक्षाओं से राज्य के लगभग 21 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य जुड़ा रहता है। इन परीक्षाओं के लिए तमाम गोपनीय कार्य अध्यक्ष के जिम्मे होते हैं। प्रश्न पत्रों को सेट करवाने, उनकी प्रिंटिंग, एडमिट कार्ड जारी करने, परीक्षा से संबंधित समस्त सामग्री को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने जैसी व्यवस्था की निगरानी भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही करते हैं। इन पदों पर नियुक्ति को लेकर सरकार की ओर से निर्णय नहीं लिए जाने से लाखों परीक्षार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी चिंतित हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इसे लेकर राज्य की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि 25 जनवरी से मैट्रिक और 28 जनवरी से इंटर की परीक्षा के एडमिट कार्ड डाउनलोड होने थे, लेकिन अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। कुछ लोग पूर्व अध्यक्ष की पुनर्नियुक्ति के लिए पैरवी लगा रहे हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री नए सिरे से नियुक्ति चाहते हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हेमंत सरकार का यह खेल नियुक्ति-पुनर्नियुक्ति का नहीं, बल्कि भीतरखाने बोली लगवाकर जैक अध्यक्ष पद को बेचने का है। पहले तो सिर्फ बेरोजगार युवाओं को अपनी राजनीति का शिकार बनाते थे, लेकिन अब जैक अध्यक्ष पद के लिए भीतरखाने बोली लगवाकर स्कूली बच्चों को भी अपनी गंदी राजनीति में घसीट रहे हैं। शर्म करनी चाहिए ऐसी सरकार को!”

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