January 11, 2025
Haryana

किसानों ने दल्लेवाल के समर्थन में जलाया पुतला

Farmers burnt effigy in support of Dallewal

खनौरी बॉर्डर धरना स्थल पर पिछले 28 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले बड़ी संख्या में किसानों ने सोमवार को शहर में विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने सरकार का पुतला जलाया और केंद्र सरकार से दल्लेवाल की जान बचाने की मांग की। साथ ही दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर दमन बंद करने, लुक्सर जेल से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को रिहा करने, राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लेने और सभी किसान संगठनों से बातचीत शुरू करने की मांग की।

किसान भवन में एकत्र हुए किसानों ने महात्मा गांधी चौक की ओर मार्च निकाला, जहां उन्होंने पुतला जलाया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम सिविल लाइंस एसएचओ विष्णु मितर को ज्ञापन भी सौंपा।

बीकेयू के जिला अध्यक्ष सुरिंदर घुमन और अन्य किसान नेताओं सुरिंदर बेनीवाल, श्याम सिंह मान और अन्य ने केंद्र सरकार पर शासन के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन नहीं करने और सभी किसान संगठनों और प्लेटफार्मों के साथ चर्चा नहीं करने का आरोप लगाया, जो वास्तविक मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा, “हम मांग करते हैं कि राष्ट्रपति केंद्र सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली मार्च करने वाले किसानों पर दमन और आंसू गैस के गोले दागने को रोकने, एमएसपी, कर्ज माफी और अन्य पर किसानों की लंबे समय से लंबित वास्तविक मांगों को स्वीकार करने का निर्देश दें।”

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मद्देनजर 9 दिसंबर, 2021 को एसकेएम के साथ हस्ताक्षरित समझौते का उल्लंघन किया है, जिसने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था।

किसान नेताओं ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार किसान संगठनों से बातचीत करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब के शंभू और खनूरी बॉर्डर तथा उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा बॉर्डर पर किसानों के संघर्ष को दबाने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारें तथा शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना देने वाले सैकड़ों किसानों को जेल में डालने का प्रयास किया जा रहा है।

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