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वन एवं वन्यजीव विभाग ने रेणुका आर्द्रभूमि को स्वच्छ रखने के लिए प्रयास तेज किए

Forest and Wildlife Department steps up efforts to keep Renuka wetland clean

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल रेणुका वेटलैंड में सफाई और रखरखाव के प्रयासों को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने वाला है। राज्य के वन और वन्यजीव विभाग ने स्पष्ट रूप से परिभाषित लक्ष्यों के साथ एक विस्तृत रणनीति को लागू करके कीमती वेटलैंड के संरक्षण और सफाई को सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है।

विभाग ने घोषणा की है कि उसके कर्मचारी अब पूरे वन्यजीव अभ्यारण्य की महीने में दो बार व्यापक सफाई करेंगे। इस पहल का उद्देश्य इस स्थल की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखना है जो पर्यटकों और वन्यजीव उत्साही दोनों को आकर्षित करता है। यह निर्णय संभावित पर्यावरणीय गिरावट से क्षेत्र की एक प्रमुख विशेषता रेणुका झील को संरक्षित करने के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में लिया गया है।

रेणुका वेटलैंड की वन्यजीव रेंज अधिकारी दिव्या शर्मा ने वेटलैंड के आस-पास के क्षेत्र को साफ रखने के महत्व पर जोर दिया। शर्मा ने बताया कि अगर नियमित रूप से कचरा नहीं हटाया जाता है, तो यह झील में जाकर जलीय जीवन के लिए संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है।

शर्मा ने कहा कि सफाई पहल में सभी विभागीय कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी होगी तथा महीने में दो बार नियमित अभियान चलाया जाएगा। शर्मा ने कहा कि इन प्रयासों को और अधिक बढ़ावा देने के लिए विभाग झील के चारों ओर के पैदल पथ पर और अधिक कचरा पात्र स्थापित करेगा।

शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र में अक्सर आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के बीच जिम्मेदारीपूर्वक अपशिष्ट निपटान के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे, जिससे झील और इसके आसपास के क्षेत्र को कूड़े से मुक्त रखने के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।

सफाई प्रयासों के अलावा, विभाग सक्रिय रूप से झील के किनारों से काला बांसा नामक एक आक्रामक खरपतवार को हटा रहा है। अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह खरपतवार झील के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। नियमित रूप से खरपतवार को साफ करके, विभाग देशी पौधों की प्रजातियों के विकास को बढ़ावा दे रहा है, जो आसपास के जंगलों के समग्र पारिस्थितिक संतुलन में योगदान करते हैं।

मानसून के मौसम की शुरुआत से पहले ही विभाग ने झील से जलीय खरपतवार हटाने के लिए व्यापक अभियान चलाया था। चल रहा सफाई अभियान रेणुका झील और उसके आसपास के क्षेत्रों की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से किए जा रहे बड़े संरक्षण प्रयासों का हिस्सा है।

वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने आगंतुकों से अपील की है कि वे कूड़ा-कचरा फैलाने से बचें तथा इस अद्वितीय एवं पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र के संरक्षण में योगदान देकर इन प्रयासों का समर्थन करें।

उन्होंने कहा कि विभाग और जनता के बीच सहयोगात्मक प्रयासों से रेणुका आर्द्रभूमि की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता को भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।

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