शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज राजकीय महाविद्यालय ठियोग में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की तथा कहा कि प्रदेश सरकार दूरदराज क्षेत्रों में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा कड़े फैसले लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “ऐसा ही एक फैसला शैक्षणिक सत्र के दौरान शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगाना था, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। इन सख्त फैसलों से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। साथ ही, एएसईआर की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश ने पठन-पाठन में पहला स्थान हासिल किया है।”
ठाकुर ने कहा कि राज्य के प्रतिभाशाली छात्रों को सिंगापुर और कंबोडिया जैसे देशों में एक्सपोजर विजिट पर भेजा जा रहा है। मंत्री ने कहा, “कॉलेजों में प्रिंसिपल के करीब 100 खाली पदों को पदोन्नति के जरिए भरा गया है और 19 नियमित प्रिंसिपल नियुक्त किए गए हैं। इसी तरह, डिप्टी डायरेक्टर के 37 पदों को पदोन्नति के जरिए भरा गया है। इसके अलावा, असिस्टेंट प्रोफेसर के 484 पदों पर भर्ती की गई है, जिससे खाली पड़े 80% पद भर गए हैं।”
उन्होंने कहा, “इसी तरह प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में भी राज्य सरकार ने भाषा शिक्षा आयोग के माध्यम से 3,500 शिक्षकों की भर्ती की है और आयोग के माध्यम से लगभग 3,100 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, 700 से अधिक पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) पद भरे गए हैं।”
मंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 9,850 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो कुल बजट का लगभग 17% है।”
उन्होंने यह भी बताया कि ठियोग के सरकारी कॉलेज में मल्टी-पर्पज हॉल के लिए 6.37 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा, “वित्तीय नियामक अनुमति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। कॉलेज में व्यावसायिक विषय शुरू करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे और खाली पड़े गैर-शिक्षण पदों को भरा जाएगा।”
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