रांची, 2 फरवरी । झारखंड में नई सरकार का संकट और सस्पेंस गहरा गया है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नए नेता चंपई सोरेन ने गुरुवार शाम राजभवन पहुंचकर सरकार के लिए एक बार फिर दावेदारी पेश की, लेकिन, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि वह इस बारे में अपना निर्णय अगले दिन बताएंगे।
उन्होंने इस संबंध में आवश्यक परामर्श मांगा है, जो अब तक नहीं मिला है। गुरुवार रात तक राज्य में यथास्थिति बनी रहेगी।
दरअसल, हेमंत सोरेन ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से इस्तीफा दिया था। इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने कहा था कि हमें कुल 47 विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन, चार विधायक अभी राज्य के बाहर हैं। सरकार बनाने के लिए विधायकों की जरूरी संख्या 43 है और राज्यपाल अगर इजाजत दें तो हम इनकी परेड कराने को तैयार हैं।
लेकिन, 22 घंटे से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी राज्यपाल ने उनकी दावेदारी पर निर्णय नहीं लिया। अब उन्होंने शुक्रवार सुबह तक के लिए अपना फैसला स्थगित रख लिया है। इस बीच हेमंत सोरेन गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में पेशी के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल भेजे गए हैं और अब राज्य में इस बात को लेकर संदेह और सस्पेंस बना हुआ है कि 31 जनवरी की रात 8.30 बजे के बाद से किसकी सरकार है? क्या नई सरकार बनने तक हेमंत सोरेन राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं और फिलहाल राज्य की सरकार उनके नाम पर चल रही है?
गुरुवार को राजभवन गए चंपई सोरेन ने राज्यपाल को उन सभी 43 विधायकों की गिनती का वीडियो दिखाया, जिनके समर्थन के आधार पर वे सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। राज्यपाल से मुलाकात के वक्त चंपई सोरेन के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता, झारखंड विकास मोर्चा (प्र) के प्रदीप यादव और सीपीआई एमएल के विधायक विनोद भी थे।
इसके पहले चंपई सोरेन ने गुरुवार दोपहर राज्यपाल को एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही मेरे नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया गया है। हमने 47 विधायकों के समर्थन के दावे और 43 विधायकों की साइन का समर्थन पत्र आपको सौंपा है। 43 विधायक बुधवार को राजभवन के गेट के बाहर भी खड़े थे। पिछले 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार नहीं है। इससे असमंजस की स्थिति है। इसलिए आग्रह है कि सरकार बनाने के लिए हमें बुलाया जाए।