नोएडा, 2 फरवरी । नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर पिछले कई हफ्तों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों की वार्ता अथॉरिटी के अधिकारियों और पुलिस से असफल होती जा रही है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है कि 2 फरवरी को नोएडा अथॉरिटी के बाहर और 7 फरवरी को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बाहर महापंचायत की जाएगी, जिसमें सभी 105 गांव के लोग शामिल होंगे।
जिसमें एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव और नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित 81 गांवों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने कहा कि महापंचायत में इस बार जो भी निर्णय लिए जाएंगे, वो ऐतिहासिक होंगे। वहीं, ग्रेनो प्राधिकरण पर 7 फरवरी को महापंचायत होगी।
किसानों ने कहा कि 52 दिनों में डीएम को ज्ञापन से लेकर तालाबंदी, सांसद का घेराव और कई बार प्राधिकरण अधिकारियों से वार्ता की जा चुकी है। अब तक एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण के किसानों को उनका हक नहीं मिला। सांसद ने आश्वासन दिया, लेकिन, नतीजा नहीं निकला। ऐसे में दिल्ली में एनटीपीसी के सीएमडी के घेराव को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी।
बता दें कि बुधवार को प्राधिकरण की तालाबंदी के बाद शाम होते-होते प्राधिकरण से किसानों को वार्ता का निमंत्रण आया। किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता में प्राधिकरण के एसीईओ मुख्य लीगल एडवाइजर, जॉइंट कमिश्नर, डीसीपी, एसीपी, एडिशनल डीसीपी व प्राधिकरण के ओएसडी मौजूद रहे। वार्ता में कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
इसके बाद बैठक करते हुए किसानों ने महापंचायत करने की तारीख को एक दिन बढ़ाते हुए दो फरवरी कर दी। नोएडा में वर्तमान में किसानों के दो आंदोलन चल रहे हैं। दोनों ही आंदोलन को दो महीने होने जा रहे हैं। किसान दिन-रात लगातार धरना दे रहे हैं। पहला एनटीपीसी और दूसरा नोएडा प्राधिकरण पर।
बड़ी बात यह है कि अब तीसरा आंदोलन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर भी शुरू हो गया है। यहां किसान सभा के नेतृत्व में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। धरने में किसानों ने फैसला लिया कि अब 7 फरवरी को प्राधिकरण पर एक महापंचायत की जाएगी। इस महापंचायत में कई किसान संगठन और विपक्षी पार्टियों के नेता भी पहुंचेंगे।