धर्मशाला, 23 अगस्त गुनेहड़ पंचायत के निवासियों ने आज एक बैठक की और सर्वसम्मति से गांव में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एसएडीए) के क्रियान्वयन का विरोध किया। पंचायत प्रधान अंजना देवी और उप प्रधान दुनीचंद की अध्यक्षता में हुई बैठक में करीब 150 लोगों ने हिस्सा लिया। निवासियों ने कहा कि वे इस बात से हैरान हैं कि बिना उन्हें बताए या उनकी सहमति लिए उन पर कानून कैसे थोप दिया गया।
लोगों ने कहा कि सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि जिन क्षेत्रों में साडा कानून पहले से लागू है, वहां उसने क्या अच्छा काम किया है, उसके बाद ही इसे अन्य क्षेत्रों में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि साडा के तहत आने वाले क्षेत्रों से एकत्रित धन का मात्र 10 प्रतिशत ही वहां खर्च किया गया है और सरकार द्वारा विकास के नाम पर कोई अन्य धन वहां निवेश नहीं किया गया है।
एक निवासी ने कहा, “गुनेहड़ का इलाका, जिसे बिलिंग टेक ऑफ प्वाइंट कहा जाता है, शुरू से ही साडा के अधीन है, लेकिन विकास के नाम पर वहां क्या हुआ है, इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए। सरकार आज तक वहां पानी की आपूर्ति नहीं कर पाई है।”
पंचायत प्रधान ने कहा, “सरकार को यह भी बताना चाहिए कि उसने पंचायत के कोटली वार्ड में अब तक क्या किया है, क्योंकि यह वार्ड भी शुरू से ही साडा के अंतर्गत आता रहा है। मुख्य लैंडिंग साइट से सटे मंडी जिले के क्षेत्र में ऐसा कोई कानून लागू नहीं है, जबकि यह लैंडिंग साइट से महज 100 मीटर के दायरे में आता है। सरकार को पहले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए पूरी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए, उसके बाद वहां साडा कानून लागू करने के बारे में सोचना चाहिए।”
लोगों ने हैरानी जताते हुए कहा कि साडा के क्रियान्वयन की अधिसूचना के लिए पंचायत से कोई एनओसी नहीं ली गई। प्रधान ने कहा कि मार्च में गुप्त रूप से अधिसूचना जारी कर दी गई और पांच महीने बाद अब पंचायत को अधिसूचना की खबर मिली।
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