केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने आज कहा कि हरियाणा को पानी का उसका उचित हिस्सा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राज्यीय मुद्दों को सुलझाने के लिए आने वाले दिनों में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक बार ये मुद्दे सुलझ जाएं तो हरियाणा को वह पानी मिलेगा जिसका वह हकदार है। वे पंचकूला में राष्ट्रव्यापी अभियान ‘जल शक्ति अभियान कैच द रेन-2025’ के मौके पर बोल रहे थे।
पाटिल ने कहा कि हरियाणा एक प्रगतिशील राज्य है जो पानी की आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। यहां बारिश भी कम होती है। ऐसे में सरकार और नागरिकों दोनों को इस बात की चिंता करनी होगी कि भविष्य में पानी की कमी न हो। इसलिए जनभागीदारी के साथ केंद्र और हरियाणा सरकारें मिलकर राज्य में पानी की कमी की समस्या को हल करने के लिए प्रतिबद्ध तरीके से काम करेंगी।
पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की बात कही थी और आज का कार्यक्रम उसी का प्रतिबिंब है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय की मांग है कि पानी को बचाया जाए क्योंकि पानी बनाया नहीं जा सकता। पानी ही पहला मानदंड होगा जिसके आधार पर आने वाली पीढ़ियां हमारा मूल्यांकन करेंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य के लिए जल संरक्षण को सुरक्षित करने के लिए हमें विभिन्न योजनाएं बनाकर और विभिन्न तरीकों से प्रयोग करके जल भंडारण को आगे बढ़ाना होगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण जल संकट की बढ़ती समस्या कम हुई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की 25 लाख महिलाओं को उनके गांवों और घरों में आने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रशिक्षित किया गया और उन्हें किट प्रदान की गईं।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना के तहत प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जमीन में मौजूद पानी पूरी तरह खत्म हो गया तो आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी नहीं बचेगा, इसलिए वर्षा जल का संचय करना जरूरी है।
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