हिमालय के ऊंचे इलाकों में उच्च तापमान और कम बर्फबारी ने कांगड़ा जिले में पोंग डैम झील में पक्षियों के वार्षिक प्रवास को प्रभावित किया है। रामसर इंटरनेशनल वेटलैंड के नाम से मशहूर पोंग डैम झील में देश में सबसे ज्यादा प्रवासी पक्षी आते हैं।
इस झील में हर साल आमतौर पर एक लाख से ज़्यादा प्रवासी पक्षी आते हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों में झील में आने वाले ऐसे पक्षियों की संख्या में लगातार कमी आई है। सूत्रों का कहना है कि पिछले साल झील में करीब 83,555 पक्षी आए थे, जबकि इस साल यह संख्या कम रह सकती है। आमतौर पर नवंबर और दिसंबर में पोंग झील में पक्षियों का आना शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल यह बहुत धीमा रहा है।
प्रभागीय वनाधिकारी डीएस डडवाल पिछले कई वर्षों से प्रवासी पक्षियों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं और उन पर एक किताब भी लिख चुके हैं। उनका कहना है कि हिमालय के ऊपरी इलाकों में उच्च तापमान और कम बर्फबारी पक्षियों के झील की ओर धीमे या विलंबित प्रवास का एक कारण हो सकता है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर बार हेडेड गीज़ जैसे पक्षी उस समय पौंग झील की ओर प्रवास करते हैं, जब ऊंचे इलाकों और साइबेरिया जैसे क्षेत्रों में झीलें जम जाती हैं और वहां भोजन की कमी हो जाती है। ऐसा लगता है कि ऊंचे पहाड़ों की झीलें जमी नहीं हैं और वहां भोजन की कमी नहीं है, जिसके कारण पक्षियों का वार्षिक प्रवास शुरू नहीं हुआ है।
हालांकि, उनका कहना है कि इस मामले में आगे वैज्ञानिक जांच की आवश्यकता है, ताकि पता लगाया जा सके कि पौंग झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी क्यों आ रही है।
पौंग झील में भारत में सबसे अधिक बार हेडेड गीज़ आते थे; 2022 में 50,000 से अधिक बार हेडेड गीज़ झील पर आए थे। बार हेडेड गीज़ के अलावा, कॉमन कूट्स, ब्लेड हेडेड गल, कॉमन किंगफिशर, रेड नेक्ड ग्रीबे, स्टॉर्क और रेड क्रेस्टेड पोचार्ड जैसी 100 से अधिक प्रजातियों के पक्षी सर्दियों के दौरान झील में आते हैं।
वन विभाग के वन्यजीव विंग के सूत्रों के अनुसार, पिछले दो सालों में पक्षियों की कुछ नई प्रजातियाँ जैसे ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब्स, मैलार्ड्स, टफ्टेड डक्स और लॉन्ग टेल्ड डक्स झील में आने लगी हैं। विभाग ने पक्षियों के प्रवासी पैटर्न के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उन पर छल्ले लगाए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम के बदलते मिजाज के कारण सर्दी भी देरी से शुरू हो रही है, जिससे प्रवासी पक्षी भी देरी से झील पर पहुंच रहे हैं, लेकिन गर्मी जल्दी आ जाने के कारण वे ज्यादा देर तक वहां नहीं रुक रहे हैं।
वर्ष 2023 में पौंग झील में विदेशी पक्षियों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है। हर साल करीब 120 प्रजातियों के एक लाख से अधिक विदेशी पक्षी पौंग झील में आते हैं, लेकिन पिछले साल 80 प्रजातियों के करीब 83 हजार पक्षी ही यहां सर्दी बिताने आए। वर्ष 2022 में करीब 50,263 बार हेडेड गीज़ पौंग झील में आए, लेकिन पिछले साल इनकी संख्या घटकर 37,501 रह गई। इसके अलावा अन्य प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी कमी आई है।
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