राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वाराणसी के रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में संपन्न हुए ‘नशा मुक्त युवा, विकसित भारत के लिए’ विषय पर युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन में 600 से अधिक युवा नेता, 120 से अधिक आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद और क्षेत्र विशेषज्ञ शामिल हुए।
इस आध्यात्मिक भावना को प्रतिध्वनित करते हुए, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, “काशी की यह पावन भूमि सनातन चेतना का उद्गम स्थल है, जहाँ अनुशासन और मूल्य जीवन को मोक्ष की ओर ले जाते हैं। हम केवल एकत्रित नहीं हो रहे हैं; हम ऐसे बीज बो रहे हैं जो एक दिन राष्ट्रीय परिवर्तन के एक सशक्त वृक्ष के रूप में विकसित होंगे।”
राज्यपाल ने राजभवन द्वारा संचालित राज्य स्तरीय नशामुक्ति जागरूकता अभियान “नशा मुक्त हिमाचल अभियान” का विवरण भी साझा किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में युवाओं में बढ़ते नशे के खतरे से निपटने के लिए पंचायती राज संस्थाओं, महिला मंडलों, युवक मंडलों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज संगठनों को सक्रिय किया गया है।
शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ज़ोर देकर कहा, “हमने पिछले तीन दिनों में विविध विषयगत सत्रों में गहन चिंतन किया है। इस सामूहिक चिंतन के आधार पर, काशी घोषणापत्र का जन्म हुआ है, न केवल एक दस्तावेज़ के रूप में, बल्कि भारत की युवा शक्ति के लिए एक साझा संकल्प के रूप में।”
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