सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को हुई सुनवाई को लेकर इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स के चेयरमैन और राज्यसभा के पूर्व सदस्य मोहम्मद अदीब ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जिन बिंदुओं को रखा गया है, उस पर बेंच भी सहमत दिखाई दे रही है।
मोहम्मद अदीब ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आज सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को लेकर जितने भी बिंदुओं का जिक्र किया गया, उन सभी बिंदुओं पर ऐसा लगता है कि बेंच सहमत है, क्योंकि बेंच ने सॉलिसिटर जनरल से सवाल किया। मगर, वह उसका जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि जब ‘वक्फ बाय यूजर’ को खत्म कर देंगे तो यह पूरा एक किस्सा खड़ा हो जाएगा। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से यह भी कहा कि मुसलमान के लिए अलग कानून है और हिंदुओं के लिए अलग। आप उनमें कैसे गैर-मुस्लिमों को रख सकते हैं, अगर रखेंगे तो आप यह बताइए कि हिंदुओं के जो मठ हैं, उसमें मुसलमान को लेंगे? सॉलिसिटर जनरल इस पर जवाब नहीं दे पाए। मुझे लगता है कि इस पर जजमेंट आज ही आ जाना चाहिए था।”
मोहम्मद अदीब ने आगे कहा, ” इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हमारी उम्मीद अभी भी कायम है।”
मोहम्मद अदीब ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर कहा, “बंगाल के मुर्शिदाबाद में जो हो रहा है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही होनी चाहिए। अब उसकी जांच की जा रही है और जब नतीजा आएगा तो तब पता चलेगा। हम किसी भी तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं करेंगे।”
वक्फ बोर्ड के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले में गुरुवार को फिर से सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल और अधिनियम के समर्थकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन पूरी तरह संविधान सम्मत हैं और इनमें मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की कोई बात नहीं है।
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