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अरावली क्षेत्र में प्रतिबंधों के बावजूद अवैध खनन जारी; सरकार ने मांगी रिपोर्ट

Illegal mining continues despite restrictions in Aravalli region; Government asked for report

फरीदाबाद, 10 जून राज्य सरकार ने अवैध खनन और अनधिकृत निर्माण गतिविधि से संबंधित मानदंडों के उल्लंघन पर नियमित अनुपालन रिपोर्ट मांगी है, जो अरावली क्षेत्र में वन क्षेत्र और हरियाली को प्रभावित करती है। संबंधित अधिकारियों को वन क्षेत्र की बहाली के लिए उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है।

हाल ही में हुई बैठक में यह मामला उठा था, लेकिन वन भूमि पर निर्माण सामग्री के खनन के संबंध में पहले ही निर्देश दिए जा चुके थे। 2022 में एक याचिका पर पारित आदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संबंधित विभागों को अवैध खनन के संबंध में प्राप्त शिकायतों और की गई कार्रवाई की जानकारी देते हुए रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। संबंधित अधिकारियों को अरावली में साधारण मिट्टी के खनन के लिए अल्पकालिक परमिट जारी न करने का भी निर्देश दिया गया था। उन्हें बताया गया था कि निजी भूमि पर पांच फीट की गहराई तक ही मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाए।

संबंधित अधिकारियों को उन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने का भी निर्देश दिया गया है, जो अवैध खनन का कारण बन सकती हैं और खनिज रियायत धारकों की गतिविधियों पर भी नज़र रखना सुनिश्चित करें, यदि कोई हो। जिला स्तरीय टास्क फोर्स महीने में दो बार निरीक्षण करेगी और जाँच की वीडियोग्राफी भी करेगी और नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई करेगी।

हालांकि, जिला प्रशासन के सूत्रों और वनों की सुरक्षा की वकालत करने वाले कुछ व्यक्तियों का दावा है कि निजी निर्माण और अनधिकृत निर्माण की आड़ में खनन सामग्री पर अंकुश के बावजूद, मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे अरावली बेल्ट की पारिस्थितिकी और पर्यावरण को लगातार नुकसान हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील हरसाना कहते हैं, “फार्महाउस, मैरिज गार्डन और व्यावसायिक गतिविधियों के रूप में बड़े पैमाने पर निर्माण के कारण सूरजकुंड और आस-पास के इलाकों में हरियाली और वन क्षेत्र में कमी आई है।”

हरसाना का कहना है कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण ने हरियाली को नुकसान पहुंचाया है, जिससे वन क्षेत्र में कमी आई है। स्थानीय निवासी विष्णु गोयल कहते हैं, “जिला प्रशासन ने 2021 में खोरी गांव में गरीबों के 9,500 से अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया था, लेकिन 2018 में पहचाने गए 140 अनधिकृत फार्महाउसों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है।”

जिला टास्क फोर्स के सदस्य संदीप सिंह का कहना है कि हालांकि इस मुद्दे की नियमित समीक्षा की जाती है, लेकिन अरावली क्षेत्र में अवैध खनन की कोई गतिविधि सामने नहीं आई है।

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