भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के ताजा अनुमानों के अनुसार, इस वर्ष 1 मार्च तक भारत के पास कोयला और लिग्नाइट के क्रमशः 389.42 अरब टन और 47.29 अरब टन भंडार मौजूद हैं, जो देश की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। यह जानकारी बुधवार को सरकार द्वारा दी गई।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश के मौजूदा कोयला भंडार का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है और देश की ऊर्जा जरूरतों का 55 प्रतिशत हिस्सा कोयला से पूरा किया जा रहा है।
लिग्नाइट, जिसे भूरा कोयला भी कहा जाता है, एक प्रकार का कोयला है जिसमें अन्य प्रकार के कोयले की तुलना में कम कार्बन, कम ऊर्जा मूल्य और अधिक नमी होती है और इसलिए इसे अलग से सूचीबद्ध किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर है। देश में वर्ष 2023-24 में अब तक का सबसे अधिक 997.826 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन दर्ज किया गया था, जो वर्ष 2022-23 के 893.191 एमटी से 11.71 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में फरवरी 2025 तक देश के कोयला उत्पादन में 5.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और यह बढ़कर 929.15 एमटी हो गया है, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में यह 881.16 मीट्रिक टन था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा की जाने वाली नियमित समीक्षा भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त, कोयला सेक्टर के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस पोर्टल और कोयला ब्लॉक आवंटियों को विभिन्न अनुमोदन प्राप्त करने में सहायता के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटर यूनिट ने कोयला खदानों के परिचालन में तेजी लाने में मदद की है।