April 20, 2024
Himachal

इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी अकादमिक उत्कृष्टता का प्रतीक : हिमाचल के राज्यपाल

शिमला, 21 मई

किसी भी संस्था की असली पहचान न तो उसकी इमारत होती है और न ही उसकी दीवारें, बल्कि वह हमेशा उसके कार्यों से आती है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (आईआईएएस), शिमला ने अपनी शैक्षणिक और शोध उपलब्धियों से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। संस्थान अकादमिक उत्कृष्टता और बौद्धिक कठोरता का प्रतीक रहा है।

यह बात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने रविवार को यहां आईआईएएस के साथियों और सहयोगियों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान भारत में ज्ञान और सीखने की प्राचीन परंपरा को पुनर्स्थापित करने के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सपने को साकार कर रहा है। यह लंबे समय से अंतःविषय अनुसंधान और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। यह नवाचार के लिए एक उत्प्रेरक रहा है और हमारे देश के बौद्धिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

राज्यपाल ने कहा कि यह संस्थान मूल रूप से जिज्ञासा और अकादमिक प्रतिभा की भावना को बढ़ावा देने के अलावा मानविकी और सामाजिक विज्ञान में गहन सैद्धांतिक शोध के लिए समर्पित है।

उन्होंने कहा कि संस्थान का पुस्तकालय, लगभग दो लाख प्रतिष्ठित विद्वानों की पुस्तकों से सुसज्जित है, एक बड़ा खजाना है।

इससे पहले, राज्यपाल ने संस्थान द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों और केंद्रीय हिंदी निदेशालय की दो अन्य पुस्तकों का विमोचन किया। राज्यपाल ने चित्र प्रदर्शनी, पुस्तकालय, वायसराय के कार्यालय और कक्ष का दौरा किया और संस्थान के ऐतिहासिक महत्व में गहरी रुचि दिखाई।

उन्होंने इस अवसर पर पद्म भूषण प्रोफेसर कपिल कपूर को भी सम्मानित किया।

 

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